प्रधानमंत्री मोदी ने कौटिल्य के दर्शन को आधुनिक युग में जीवंत किया : उपराष्ट्रपति धनखड़
- Post By Admin on May 09 2025

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राचीन भारत के महान राजनीतिक चिंतक और अर्थशास्त्री कौटिल्य के सिद्धांतों को आधुनिक शासन में उतारने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कौटिल्य का दृष्टिकोण शासन के हर पहलू को छूता है, जिसमें नीतिगत दिशा, सुरक्षा, शासक की भूमिका और जनता की भलाई शामिल है।
नई दिल्ली में इंडिया फाउंडेशन के कौटिल्य फेलो के साथ संवाद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री एक दूरदर्शी नेता हैं, जो व्यापक सकारात्मक बदलाव में विश्वास रखते हैं। एक दशक से अधिक के उनके नेतृत्व में भारत ने ऐसे परिवर्तन देखे हैं जो दशकों से प्रतीक्षित थे।"
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कौटिल्य के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि "पड़ोसी देश शत्रु होता है और शत्रु का शत्रु मित्र होता है" – यह भारत से बेहतर कौन समझ सकता है, जिसने हमेशा वैश्विक शांति और बंधुत्व की दिशा में कार्य किया है।
धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल प्रशासनिक सुधारों को बढ़ावा दिया, बल्कि 'आकांक्षी जिलों' की संकल्पना से उन क्षेत्रों को नई ऊर्जा दी, जिन्हें विकास की दौड़ में पिछड़ा माना जाता था। उन्होंने बताया कि मोदी ने छोटे और मझोले शहरों को भी आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के लिए स्मार्ट सिटी की अवधारणा को बढ़ावा दिया, जिससे स्थानीय विकास को प्रोत्साहन मिला।
उपराष्ट्रपति ने कौटिल्य के लोकतांत्रिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा, "लोकतंत्र तभी सफल होता है, जब सत्ता की सीमाओं का सम्मान किया जाए। शासन केवल सत्ता का खेल नहीं है, यह जनकल्याण की नींव पर आधारित होना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण यही दर्शाता है कि सत्ता का उद्देश्य केवल शासन करना नहीं, बल्कि देशवासियों के सुख और समृद्धि में निहित है। धनखड़ ने कहा कि मोदी का शासन कौटिल्य के इसी सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें 'राजा का सुख उसकी प्रजा के सुख में निहित' होता है।
धनखड़ ने अंत में कहा कि मोदी का नेतृत्व भारत के लिए एक प्रेरणा है, जो न केवल वर्तमान को बेहतर बना रहा है, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय कर रहा है।