महाकुंभ 2025 : स्टीव जॉब्स की पत्नी को नहीं छूने दिया गया शिवलिंग, गुरु कैलाशानंद महाराज ने बताई वजह

  • Post By Admin on Jan 14 2025
महाकुंभ 2025 : स्टीव जॉब्स की पत्नी को नहीं छूने दिया गया शिवलिंग, गुरु कैलाशानंद महाराज ने बताई वजह

वाराणसी : महाकुंभ 2025 के दौरान भारत आईं एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स की एक महत्वपूर्ण घटना ने ध्यान खींचा। बनारस स्थित प्रसिद्ध बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के दौरान, उन्हें शिवलिंग को छूने की अनुमति नहीं दी गई। इस परंपरागत घटना को लेकर गुरु कैलाशानंद महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इसके पीछे की वजह स्पष्ट की है।

परंपरा के अनुसार, गैर-सनातनी को नहीं दी जाती शिवलिंग को छूने की अनुमति

कैलाशानंद महाराज ने बताया कि बाबा विश्वनाथ मंदिर की परंपरा के अनुसार, केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों को ही शिवलिंग को छूने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि भले ही लॉरेन एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और मैं उन्हें अपनी पुत्री मानता हूं, लेकिन फिर भी इस परंपरा का पालन किया गया। कैलाशानंद महाराज ने यह भी कहा कि मंदिर में महादेव को स्पर्श करने की जिद नहीं करनी चाहिए, चाहे व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो।

महादेव का दर्शन और अन्य धार्मिक प्रसाद

गुरु कैलाशानंद महाराज ने कहा कि लॉरेन को शिवलिंग को छूने की बजाय दूर से महादेव का दर्शन कराया गया और उन्हें अभिषेक का प्रसाद प्राप्त हुआ। इसके अलावा, उन्हें रुद्राक्ष की माला, भस्म, चरणामृत और फल भी प्राप्त हुए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये सारी बातें लॉरेन के लिए सम्मान की बात थीं और यह भी कि सभी को भारतीय धार्मिक परंपराओं और उनके महत्व का सम्मान करना चाहिए।

सिखाई जाने वाली सीख

कैलाशानंद महाराज ने इस घटना को एक संदेश के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि देशवासियों को यह सीख लेनी चाहिए कि मंदिर में जाने की जिद न करें। उन्होंने कहा, “जो लोग गैर-सनातनी हैं, उन्हें मंदिर के अंदर भगवान या महादेव को छूने की कोई जरूरत नहीं है। हमारे धर्माचार्य और आचार्य अपनी परंपराओं का पालन कदापि नहीं छोड़ सकते।” यह संदेश उन लोगों के लिए था जो भारतीय मंदिरों की धार्मिक परंपराओं को समझे बिना उनका उल्लंघन करने की कोशिश करते हैं।

कल्पवास नहीं, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान जारी रहेगा

लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ के दौरान कल्पवास नहीं करेंगी क्योंकि उन्हें जरूरी कामों के कारण वापस जाना है। हालांकि, वह कुछ दिन और भारत में रहेंगी। जहां वह पूजन, यज्ञ और अभिषेक जैसी धार्मिक क्रियाओं में भाग लेंगी।