आजम खान के जौहर विश्वविद्यालय परिसर की शत्रु संपत्ति होगी नीलाम
- Post By Admin on Dec 24 2024

रामपुर : जिले में स्थित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परिसर में शत्रु संपत्ति की नीलामी की जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए गृह मंत्रालय से जरूरी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। यह शत्रु संपत्ति जौहर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है और प्रशासन ने इसे पहले ही शत्रु संपत्ति अभिरक्षक को सौंप दिया था।
क्या है शत्रु संपत्ति और उसकी कानूनी स्थिति?
शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जो उस समय के विभाजन या युद्ध के दौरान पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों में बसने वाले भारतीय नागरिकों की होती है। जब कोई व्यक्ति या परिवार पाकिस्तान या अन्य शत्रु देश में चला जाता है तो उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया जाता है और इस पर भारत सरकार का अधिकार होता है। ऐसे संपत्तियों का प्रबंधन भारत सरकार के अधीन कस्टोडियन डिपार्टमेंट करता है। जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
रामपुर जिले में वर्तमान में कुल 172 शत्रु संपत्तियां हैं। जिनमें से 12 शत्रु संपत्तियां किराए पर दी गई हैं। जौहर विश्वविद्यालय परिसर में स्थित 13.842 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति भी कस्टोडियन के पास है।
आजम खान पर लगे आरोप और विवाद
यह वही शत्रु संपत्ति है जिस पर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय ने कब्जा किया था। आरोप है कि आजम खान और उनके ट्रस्ट ने गैरकानूनी रूप से इस संपत्ति का इस्तेमाल अपने विश्वविद्यालय के लिए किया। इस मामले में अजीमनगर थाने में एक मुकदमा भी दर्ज किया गया था। जिसमें आरोप था कि पाकिस्तान में रहने वाले ताहिर हुसैन खां की भूमि को जौहर विश्वविद्यालय द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर जुलाई में प्रशासन ने इस भूमि पर कब्जा कर लिया था और इसे कस्टोडियन के सुपुर्द कर दिया था। अब इस भूमि की नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसके लिए गृह मंत्रालय से जरूरी कानूनी मंजूरी ली जाएगी।
निर्माण का ध्वस्तीकरण और आगे की कार्यवाही
मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परिसर में स्थित शत्रु संपत्ति पर निर्माण कार्य भी पाया गया था। जिसे पहले प्रशासन ने सील कर दिया था। अब इस निर्माण को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है। प्रशासन शत्रु संपत्ति के मामलों को लेकर विधिक राय ले रहा है ताकि किसी प्रकार की कानूनी अड़चन न हो।
रामपुर में शत्रु संपत्तियों का व्यापक मुद्दा
रामपुर जिले में कुल 172 शत्रु संपत्तियां हैं। जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। हालांकि, इनमें से कुछ संपत्तियां किराए पर चल रही हैं। जबकि अधिकांश संपत्तियों पर प्रशासन का कब्जा है। जिले के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक के रूप में जिलाधिकारी कार्यरत हैं जो इन संपत्तियों के प्रबंधन और नीलामी की प्रक्रिया की निगरानी करते हैं।
मुरादाबाद कमिश्नर की टिप्पणी
मुरादाबाद कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि रामपुर जिले की शत्रु संपत्तियों को पहले ही चिह्नित कर कस्टोडियन को सौंपा जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि इन संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी।
इस नीलामी की प्रक्रिया से राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सकती है और साथ ही यह कदम शत्रु संपत्तियों के उचित प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।