अनिल अंबानी की कंपनियों पर ED का शिकंजा, 3,000 करोड़ के घोटाले की आशंका
- Post By Admin on Jul 24 2025
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मुंबई : देश के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार अनिल अंबानी एक बार फिर कानूनी घेरे में आ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार सुबह उनकी कंपनियों और उनसे जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की। यह कार्यवाई मुंबई स्थित विभिन्न ठिकानों पर जारी है और शुरुआती जांच में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन की हेराफेरी का शक जताया जा रहा है।
यह छापेमारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA), बैंक ऑफ बड़ौदा और सीबीआई की दर्ज दो एफआईआर के आधार पर की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी को जांच के दौरान ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि यह एक सुनियोजित आर्थिक साजिश थी, जिसमें बैंकों, निवेशकों और शेयरधारकों को गुमराह किया गया।
यस बैंक से जुड़े ट्रांजैक्शन भी रडार पर
ईडी को शक है कि 2017 से 2019 के बीच अनिल अंबानी की कंपनियों ने यस बैंक से लिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपए के ऋण का दुरुपयोग किया। इस घोटाले में यस बैंक के तत्कालीन प्रमोटर्स की भी भूमिका की जांच हो रही है।
SBI पहले ही कर चुका है फ्रॉड घोषित
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में SBI ने अनिल अंबानी को 'फ्रॉड' घोषित किया था। बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशन को दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया था। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने के बाद SBI ने आरोप लगाया कि कंपनी ने लोन की शर्तों का पालन नहीं किया और जानबूझकर जरूरी वित्तीय जानकारी छिपाई।
अनिल अंबानी की बढ़ी मुश्किलें
फिलहाल अनिल अंबानी या उनकी कंपनियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन जांच एजेंसियों के लगातार घिरते दायरे और छापों की श्रृंखला से यह साफ है कि अनिल अंबानी की कानूनी मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं।
प्रवर्तन निदेशालय अब इस केस में अन्य बैंकों और कॉर्पोरेट संस्थाओं की भूमिका की भी जांच कर रहा है। जानकारों का मानना है कि यह कार्यवाई कॉर्पोरेट गवर्नेंस और बैंकों की लोन नीति को लेकर एक बड़ा संदेश है।