मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस : सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक, 12 दोषियों की रिहाई पर फिलहाल ब्रेक
- Post By Admin on Jul 24 2025

नई दिल्ली: साल 2006 के बहुचर्चित मुंबई सीरियल ट्रेन बम धमाकों मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा हस्तक्षेप करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर गुरुवार को अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें सभी 12 दोषियों को बरी करने का निर्णय सुनाया गया था। कोर्ट के इस फैसले से दोषियों की संभावित रिहाई पर फिलहाल रोक लग गई है।
गौरतलब है कि 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार 7 धमाकों में 187 लोगों की मौत हुई थी और 800 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में विशेष मकोका अदालत ने वर्ष 2015 में सुनवाई के बाद 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिनमें से 5 को मौत की सजा और 7 को उम्रकैद मिली थी।
हालांकि, 21 जुलाई 2025 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए सभी दोषियों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश करने में नाकाम रहा।
इस फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार और राज्य की एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले की तत्काल सुनवाई की अपील की, जिसे स्वीकार कर कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।
सरकार की ओर से पेश दलीलों में कहा गया कि हाईकोर्ट ने एक आरोपी से बरामद RDX को केवल तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया, जबकि सुरक्षा कारणों से विस्फोटक को सील नहीं किया गया था। इसके अलावा, अभियोजन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों की मंजूरी व समुचित प्रक्रिया का पालन भी किया गया था, जिसे हाईकोर्ट ने नजरअंदाज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई और सभी पक्षों को नोटिस जारी कर विस्तृत सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित करने का संकेत दिया है। फिलहाल दोषी करार दिए गए सभी 12 आरोपी जेल में ही रहेंगे।
इस फैसले से आतंकवाद पीड़ित परिवारों को न्याय की उम्मीद फिर से जगी है और यह मामला एक बार फिर देशभर की नजरों में आ गया है।