पीपीएफ में निवेश करने वालों को लग सकता है झटका, जुलाई में ब्याज दरों में कटौती की आशंका

  • Post By Admin on Jun 27 2025
पीपीएफ में निवेश करने वालों को लग सकता है झटका, जुलाई में ब्याज दरों में कटौती की आशंका

नई दिल्ली : पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने वालों के लिए जुलाई की शुरुआत थोड़ी निराशाजनक हो सकती है। आरबीआई की मौजूदा मौद्रिक नीति और गिरते सरकारी बॉन्ड यील्ड को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि PPF की ब्याज दर 7 फीसदी से नीचे जा सकती है।

जानकारों का कहना है कि इस साल अब तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस प्वाइंट और जून में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद रेपो रेट 6.5% से घटकर 5.5% हो गया है। इस बदलाव का असर PPF समेत छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर पड़ सकता है।

गिरते बॉन्ड यील्ड से दबाव में ब्याज दर

श्यामला गोपीनाथ कमेटी के फार्मूले के अनुसार, PPF की ब्याज दरें 10 साल के सरकारी बॉन्ड की औसत यील्ड से 25 बेसिस प्वाइंट अधिक होनी चाहिए। वर्तमान में बॉन्ड यील्ड करीब 6.325% है, जिससे संभावित ब्याज दर 6.575% बनती है—जो कि मौजूदा 7.1% से लगभग 52.5 बेसिस प्वाइंट कम है।

सरकार कर सकती है सावधानी बरतने की कोशिश

हालांकि कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार व्यवहारिक और राजनीतिक कारणों से ब्याज दरों में इतनी जल्दी कटौती नहीं करेगी। आम चुनावों और मिड-टर्म वित्तीय समीक्षाओं के चलते सरकार PPF जैसी योजनाओं में बदलाव से बच सकती है।

आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने की कोशिश

आरबीआई की मौद्रिक नीति में नरम रुख का मकसद आर्थिक विकास को रफ्तार देना है। इसी नीति के तहत ब्याज दरों में कटौती की जा रही है, ताकि कर्ज सस्ता हो और बाजार में नकदी बढ़े।

जुलाई में ब्याज दरों की समीक्षा से पहले मौजूदा दर पर निवेश करने का यह उपयुक्त समय हो सकता है। संभावित कटौती से पहले योजना बनाना समझदारी भरा कदम होगा।