SEBI के नए नियमों से ब्रोकर्स को मिलेगा नया आय का जरिया, लागू होंगे सख्त नियम

  • Post By Admin on Mar 05 2025
SEBI के नए नियमों से ब्रोकर्स को मिलेगा नया आय का जरिया, लागू होंगे सख्त नियम

नई दिल्ली : भारतीय शेयर बाजार के रेगुलेटर SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने हाल ही में खुदरा निवेशकों के लिए एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग (Algo Trading) को लेकर नए नियमों की घोषणा की है। इन नियमों के लागू होने से न केवल बाजार में सख्ती आएगी, बल्कि ब्रोकर्स को एक नया कमाई का जरिया भी मिलेगा। SEBI के इस कदम से एल्गो ट्रेडिंग में तेजी से वृद्धि हो सकती है, जिससे ब्रोकर्स को अधिक रेवेन्यू का अवसर मिलेगा। SEBI के इन नियमों का प्रभाव 1 अगस्त 2025 से देखने को मिलेगा।

क्या है एल्गो ट्रेडिंग और इसके नए नियम

एल्गो ट्रेडिंग, जिसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और अल्गोरिदम (Pre-defined Rules) के माध्यम से ऑटोमैटिक तरीके से शेयर खरीदने-बेचने की प्रक्रिया कहा जाता है, में तेजी होती है और बार-बार ट्रेडिंग होती है। इसका मुख्य फायदा यह है कि इससे ब्रोकर्स को अधिक ब्रोकरेज चार्ज मिल सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान, एक निवेशक अपनी ट्रेडिंग रणनीति को सॉफ़्टवेयर के माध्यम से ऑटोमैटिक रूप से लागू करता है, जो बाजार की परिस्थितियों के आधार पर त्वरित निर्णय लेने में मदद करता है।

SEBI के नए नियमों से क्या बदल सकता है?

नए नियमों के तहत, अब हर एल्गो ट्रेडिंग रणनीति को एक्सचेंज से मंजूरी प्राप्त करनी होगी। SEBI का मानना है कि इस कदम से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और ट्रेडिंग गतिविधियों की सटीकता सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही, ब्रोकर्स के लिए यह एक सुनहरा मौका है, क्योंकि जो पहले से इस क्षेत्र में नहीं थे, उनके पास अब एल्गो ट्रेडिंग में कदम रखने का अवसर होगा।

DIY प्लेटफॉर्म और तैयार रणनीतियों का महत्व

खुदरा निवेशक एल्गो ट्रेडिंग में दो तरीके से भाग ले सकते हैं।

DIY प्लेटफॉर्म (Do It Yourself) 

निवेशक अपनी खुद की ट्रेडिंग रणनीति बना सकते हैं, जिसे वह टेस्ट करके बाजार में लागू कर सकते हैं।

ब्रोकर या फिनटेक कंपनियों की तैयार रणनीति 

निवेशक पहले से बनी रणनीति का उपयोग कर सकते हैं, जिसे एक्सचेंज से मंजूरी प्राप्त हो चुकी हो।

ब्रोकर्स के लिए नये अवसर

SEBI के नए नियमों के बाद, ब्रोकर्स को अधिक अवसर मिल सकते हैं, क्योंकि वे अब तैयार रणनीतियों को एक्सचेंज से अनुमोदित करवाकर अपने ग्राहकों को उपलब्ध करवा सकते हैं। HDFC Securities के वर्किंग डायरेक्टर आशीष राठी ने कहा कि ये नए नियम ब्रोकर्स के लिए फायदे का सौदा हो सकते हैं। ब्रोकर्स जो अब तक एल्गो ट्रेडिंग में शामिल नहीं थे, उनके पास इसमें एंट्री का मौका मिलेगा और जो पहले से इसमें हैं, उनके लिए अपनी रणनीतियों को रेगुलराइज करने का अवसर होगा।

एल्गो ट्रेडिंग की सीमा और लाभ

नई नीति के तहत, प्रत्येक एल्गो रणनीति की एक सीमा (Scalability Limit) तय की जाएगी। इसका मतलब है कि यदि बहुत ज्यादा लोग एक ही रणनीति अपनाएंगे, तो उसके रिटर्न में कमी आ सकती है। जैसे म्यूचुअल फंड में ज्यादा निवेश आने पर AMC नए निवेश पर रोक लगाती है, वैसे ही एल्गो ट्रेडिंग में भी कुछ सीमाएं निर्धारित की जा सकती हैं।

SEBI के नए नियमों के तहत, एल्गो ट्रेडिंग का क्षेत्र और अधिक संरचित होगा, जिससे निवेशकों को अधिक पारदर्शिता और सटीकता मिलेगी। इसके अलावा, ब्रोकर्स के लिए यह एक नया कमाई का अवसर होगा, जबकि खुदरा निवेशकों के लिए अधिक लचीले और विविध विकल्प उपलब्ध होंगे। इन नियमों का उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में एक नई दिशा देना है, जो निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकती है।