जीएसटी स्लैब में कटौती से वस्तुएं होंगी सस्ती, मांग और खपत में आएगा इजाफा : अर्थशास्त्री

  • Post By Admin on Sep 03 2025
जीएसटी स्लैब में कटौती से वस्तुएं होंगी सस्ती, मांग और खपत में आएगा इजाफा : अर्थशास्त्री

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक आज से शुरू हो गई है। दो दिवसीय इस बैठक में जीएसटी स्लैब में बदलाव को लेकर अहम फैसले होने की संभावना है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि स्लैब में कटौती से वस्तुएं सस्ती होंगी और इसका सीधा असर मांग और खपत बढ़ने के रूप में दिखाई देगा।

इकोनॉमिस्ट राजीव साहू ने आईएएनएस से कहा, "यह बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें 2017 में पेश किए गए चार-टायर जीएसटी स्लैब में बदलाव देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लालकिले से इसका ऐलान किया था। वर्तमान स्लैब 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत हैं। प्रस्तावित बदलाव में 28 प्रतिशत का स्लैब 18 प्रतिशत में और 12 प्रतिशत का स्लैब 5 प्रतिशत में विलय होगा, जिससे अधिकांश उत्पादों की कीमतें कम होंगी।"

इकोनॉमिस्ट सूर्या नारायणन ने कहा कि इससे वस्तुओं की कीमतों में कम से कम 15 प्रतिशत की कमी आएगी, विशेष रूप से फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) में। उनका कहना है, "जब वस्तुएं सस्ती होंगी, तो मांग बढ़ेगी। खपत बढ़ेगी, और इससे जीडीपी में भी इजाफा होगा। यह सिर्फ कीमतों में कमी या टैक्स ढांचे में सुधार भर नहीं है, बल्कि रिटर्न फाइलिंग में सरलता भी आएगी।"

इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा कि नए बदलाव के बाद 5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत का स्लैब रहेगा, जिसका सीधा फायदा आम आदमी को मिलेगा। इससे आम जनता की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।

हालांकि, राज्यों के लिए यह बदलाव चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कई राज्यों ने दो साल की अवधि में कर राजस्व पर संभावित असर को लेकर चिंता जताई है। करों में कटौती से राज्यों को प्रति वर्ष लगभग 2 हजार करोड़ रुपये से लेकर पांच वर्षों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है। इसके मद्देनजर, कुछ राज्य कर दरों में कमी से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति व्यवस्था पर विचार कर सकते हैं।