आरबीआई की सख्त कार्यवाही : 6 एनबीएफसी के लाइसेंस रद्द, 4 कंपनियों ने खुद किया सरेंडर

  • Post By Admin on Jun 16 2025
आरबीआई की सख्त कार्यवाही : 6 एनबीएफसी के लाइसेंस रद्द, 4 कंपनियों ने खुद किया सरेंडर

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFC) पर बड़ी कार्यवाही करते हुए छह कंपनियों के पंजीकरण प्रमाणपत्र (CoR) रद्द कर दिए हैं, जबकि चार अन्य एनबीएफसी ने स्वेच्छा से अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। इसके साथ ही ये कंपनियां अब भारत में NBFC के तौर पर कोई भी वित्तीय गतिविधि नहीं चला सकेंगी।

आरबीआई ने यह कार्यवाही रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45-आईए (6) के तहत की है। यह अधिनियम उन संस्थाओं पर कार्रवाई की अनुमति देता है जो केंद्रीय बैंक के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करतीं।

किन कंपनियों पर गिरी गाज:

ओडिशा में:

  • अधिकार माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, भुवनेश्वर — 22 मई 2025 को CoR रद्द।
    (इस कंपनी को 22 अक्टूबर 2013 को NBFC के रूप में रजिस्ट्रेशन मिला था।)

पश्चिम बंगाल में:
आरबीआई ने 16 मई 2025 को कोलकाता की पांच कंपनियों के CoR रद्द किए:

  • वोफिन लीजिंग एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड – बोबाजार

  • आउट्रम प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड

  • एससीएम होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड

  • कलश व्यापार प्राइवेट लिमिटेड

  • एवरेस्ट विनिमय प्राइवेट लिमिटेड

चार कंपनियों ने स्वेच्छा से छोड़ा NBFC कारोबार:

नियामकीय कारणों या स्वैच्छिक रूप से NBFC कारोबार से बाहर निकलने की मंशा के चलते निम्नलिखित कंपनियों ने अपना पंजीकरण आरबीआई को लौटा दिया:

  • बेन्को फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र)

  • पमनानी कैपिटा प्राइवेट लिमिटेड – एनबीएफआई क्षेत्र से बाहर निकली

  • पैरी इन्वेस्टमेंट लिमिटेड, तमिलनाडु

  • सिनर्जी सिंथेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, महाराष्ट्र

लेनदेन पर रोक 

इन सभी कंपनियों को अब NBFC के रूप में किसी प्रकार का वित्तीय लेनदेन करने की अनुमति नहीं है। आरबीआई की इस कार्यवाही को नियामकीय सख्ती और वित्तीय प्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

वित्तीय अनुशासन के लिए सख्ती जरूरी
आरबीआई लगातार ऐसी कंपनियों पर नजर बनाए हुए है जो नियामकीय निर्देशों का उल्लंघन करती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि निवेशकों के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित करेगी।