वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था बनी मजबूत, RBI की रिपोर्ट में उभरती स्थिरता की तस्वीर

  • Post By Admin on Jun 27 2025
वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था बनी मजबूत, RBI की रिपोर्ट में उभरती स्थिरता की तस्वीर

नई दिल्ली : वैश्विक स्तर पर जारी भू-राजनीतिक तनाव और व्यापारिक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती का प्रदर्शन किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी मासिक आर्थिक बुलेटिन के अनुसार, मई 2025 में देश की औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मजबूती बनी रही है। इसके संकेत हाई-फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स से मिले हैं, जिनसे आर्थिक गति में निरंतरता का आकलन होता है।

कृषि उत्पादन में इजाफा, महंगाई नियंत्रण में
रिपोर्ट में बताया गया है कि कृषि क्षेत्र ने 2024-25 में प्रमुख फसलों के उत्पादन में व्यापक वृद्धि दर्ज की है, जिससे खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में कमी आई है। मई में लगातार चौथे महीने हेडलाइन मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्ष्य से नीचे बनी रही। स्थिर कोर मुद्रास्फीति और नरम होती कीमतें यह संकेत देती हैं कि आंतरिक मुद्रास्फीति दबाव काबू में है।

विकास दर 6.5% पर स्थिर रहने का अनुमान
मई में जारी अनंतिम अनुमानों के मुताबिक, भारत की विकास दर 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। खास बात यह है कि चौथी तिमाही में महत्वपूर्ण क्रमिक वृद्धि दर्ज की जा सकती है, जो आर्थिक सुधार की दिशा में सकारात्मक संकेत है।

निर्यात और उपभोक्ता विश्वास में भी दिखा सुधार
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) में भारत ने सर्वाधिक विस्तार दर्ज किया, जो अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले एक अपवाद रहा। मई में भारत में निर्यात ऑर्डर्स में भी इजाफा देखा गया, जबकि अन्य देशों में यह घटा। ग्रामीण मांग में भी वृद्धि के संकेत मिले हैं। उपभोक्ता भावना पर किए गए सर्वेक्षण में मौजूदा समय के लिए स्थिर विश्वास और भविष्य के प्रति आशावाद दिखा।

वित्तीय मोर्चे पर बनी अनुकूलता, बाजार में दिखा लचीलापन
रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में कृषि और सेवा क्षेत्र में ऋण वृद्धि थोड़ी धीमी हुई, लेकिन बाहरी वाणिज्यिक उधारी (ECB) जैसे गैर-बैंकिंग स्रोतों से मजबूत क्रेडिट सपोर्ट मिलता रहा। आरबीआई ने माना कि मौद्रिक नीति का असर ऋण दरों में कटौती के रूप में दिख रहा है। वहीं, विदेशी मुद्रा भंडार भी मजबूत बना हुआ है, जिससे आयात और बाहरी कर्ज के जोखिम में कमी आई है।

इक्विटी बाजार में हल्की तेजी, भू-राजनीतिक घटनाओं का प्रभाव
बुलेटिन में कहा गया है कि मई-जून के दौरान इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन कुल मिलाकर मामूली वृद्धि दर्ज की गई। मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने के कारण बाजार में कुछ गिरावट देखी गई थी, मगर 20 जून को जोरदार उछाल के साथ बाजार में वापसी हुई।

भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी लचीली और गतिशील बनी हुई है। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट मौजूदा आर्थिक स्थिरता और आगामी समय में संभावित मजबूती का संकेत देती है, जो देश के आर्थिक भविष्य के लिए सकारात्मक माना जा रहा है।