सैमसंग पर सरकार की बड़ी कार्यवाही, 5,150 करोड़ का टैक्स नोटिस, सात बड़े अफसरों पर भी जुर्माना
- Post By Admin on Mar 26 2025

नई दिल्ली: सैमसंग इंडिया पर मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारत सरकार ने कंपनी और उसके सात बड़े अधिकारियों को 601 मिलियन डॉलर (करीब 5,150 करोड़ रुपये) का टैक्स और जुर्माने का नोटिस भेजा है। आरोप है कि सैमसंग ने टेलीकॉम उपकरणों के आयात में टैक्स बचाने के लिए गलत तरीके अपनाए। यह अब तक का किसी कंपनी को भेजा गया सबसे बड़ा टैक्स डिमांड नोटिस माना जा रहा है।
सैमसंग के मुनाफे पर पड़ेगा सीधा असर
सरकार की इस टैक्स डिमांड का असर सैमसंग के नेट प्रॉफिट पर साफ दिखेगा। 2023 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 955 मिलियन डॉलर रहा था, जिसमें से यह डिमांड बड़ा हिस्सा छीन लेगा। सैमसंग ने भारत में अपने नेटवर्क डिवीजन के जरिए भारी मात्रा में टेलीकॉम उपकरण आयात किए हैं। माना जा रहा है कि कंपनी इस नोटिस को कोर्ट या टैक्स ट्रिब्यूनल में चुनौती दे सकती है।
पहले भी पड़ चुका है नोटिस, फिर दोहराई गलती
साल 2023 में भी सैमसंग को इसी तरह का नोटिस मिला था, जब कंपनी पर मोबाइल टावरों में इस्तेमाल होने वाले ट्रांसमिशन कंपोनेंट्स पर गलत क्लासीफिकेशन कर टैक्स चोरी का आरोप लगा था। उस वक्त कंपनी ने सफाई दी थी कि इन कंपोनेंट्स पर टैरिफ नहीं लगाया जा सकता। लेकिन कस्टम विभाग ने कंपनी की दलील को खारिज कर दिया।
कस्टम विभाग ने बताया जानबूझकर झूठा दस्तावेज पेश करने का आरोप
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, कस्टम आयुक्त सोनल बजाज ने आदेश में कहा है कि सैमसंग ने कस्टम विभाग को गुमराह करने के लिए जानबूझकर फर्जी दस्तावेज जमा किए। इसी वजह से सरकार ने 4,460 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया है। इसके अलावा सात वरिष्ठ अधिकारियों पर 81 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।
इन अधिकारियों पर गिरा गाज
सरकार ने सैमसंग नेटवर्क डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट सुंग बीम होंग, CFO डोंग वोन चू, फाइनेंस GM शीतल जैन और इनडायरेक्ट टैक्स हेड निखिल अग्रवाल समेत सात अधिकारियों को दोषी पाया है।
2021 से चल रही थी जांच, मुंबई-दिल्ली ऑफिस में छापेमारी
बताया जाता है कि जांच 2021 में शुरू हुई थी, जब मुंबई और दिल्ली स्थित सैमसंग के दफ्तरों पर छापेमारी हुई थी। अधिकारियों ने कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, डॉक्यूमेंट और ईमेल जब्त किए। जांच में पता चला कि 2018 से 2021 तक सैमसंग ने 6,711 करोड़ रुपये के कंपोनेंट इंपोर्ट किए, लेकिन उस पर पूरा टैक्स नहीं चुकाया।
सरकार बोली- टैक्स देना होगा, सैमसंग ने जताई असहमति
सरकार का साफ कहना है कि टावरों में लगने वाले ये सिग्नल ट्रांसमिशन कंपोनेंट्स आयात पर टैरिफ के दायरे में आते हैं, लेकिन सैमसंग ने इसका विरोध किया है। अब देखना होगा कि सैमसंग कोर्ट में इस टैक्स नोटिस को कैसे चुनौती देती है। यह मामला भारत में विदेशी कंपनियों की टैक्स नीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।