एसआईआर विवाद पर चुनाव आयोग का पलटवार, विपक्ष के वोट चोरी आरोपों को बताया बेबुनियाद

  • Post By Admin on Aug 17 2025
एसआईआर विवाद पर चुनाव आयोग का पलटवार, विपक्ष के वोट चोरी आरोपों को बताया बेबुनियाद

नई दिल्ली : एसआईआर प्रक्रिया और ‘वोट चोरी’ जैसे गंभीर आरोपों पर विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और मतदाताओं के अधिकारों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। आयोग ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल अपने राजनीतिक फायदे के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं।

चुनाव आयोग ने मतदाताओं को संदेश देते हुए कहा कि संविधान के मुताबिक 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर नागरिक मतदाता बन सकता है और मतदान करना उसका कर्तव्य है। आयोग ने दोहराया कि उसके लिए सभी राजनीतिक दल समान हैं और किसी तरह का पक्षपात संभव ही नहीं है।

एसआईआर प्रक्रिया पर सफाई
आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर करने की मांग पिछले दो दशकों से लगभग सभी दल करते रहे हैं। इसी मांग के तहत बिहार से एसआईआर प्रक्रिया की शुरुआत की गई। इस प्रक्रिया में मतदाता, बीएलओ और राजनीतिक दलों के बीएलए मिलकर प्रारूप सूची तैयार करते हैं और उसमें त्रुटियों का सुधार करते हैं। इसके लिए 1 अगस्त से 1 सितम्बर तक का समय तय किया गया है।

वोट चोरी के आरोपों को नकारा
विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर आयोग ने कहा कि देश में 1 करोड़ से अधिक कर्मचारी, 10 लाख बीएलए और 20 लाख पोलिंग एजेंट चुनाव प्रक्रिया में शामिल रहते हैं। इतनी पारदर्शी व्यवस्था में वोट चोरी संभव नहीं है। आयोग ने यह भी कहा कि जिन मामलों में दोहरे मतदान का आरोप लगा, वहां सबूत तक नहीं मिले।

मतदाता सूची और निजता का सवाल
मशीन रीडेबल मतदाता सूची पर आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि यह निजता का उल्लंघन हो सकता है। आयोग ने चिंता जताई कि हाल ही में कुछ मतदाताओं की तस्वीरें उनकी अनुमति के बिना सार्वजनिक की गईं, जो गंभीर मामला है।

राजनीतिक दलों पर निशाना
आयोग ने कहा कि या तो राजनीतिक दलों के नेताओं तक उनके बीएलए की सही जानकारी नहीं पहुंच रही या फिर वे जानबूझकर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि वह सभी गरीब, अमीर, महिला, युवा और बुजुर्ग मतदाताओं के साथ खड़ा है और रहेगा।