मध्य पूर्व में तनाव घटते ही गिरे कच्चे तेल के दाम, ओएमसी शेयरों को राहत की उम्मीद
- Post By Admin on Jun 24 2025

नई दिल्ली : वैश्विक भू-राजनीतिक हालात में नरमी के संकेत मिलते ही कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्धविराम की घोषणा के बाद कच्चे तेल के वायदा भाव में भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे घरेलू तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के शेयरों को मंगलवार को राहत मिलने की संभावना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संघर्ष विराम की घोषणा के बाद वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड अगस्त वायदा 5.1% की गिरावट के साथ 65.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो 12 जून से भी नीचे है—जब इजरायल ने ईरान पर हमला किया था। वहीं, ब्रेंट क्रूड में भी रातोंरात 8% की गिरावट आई है, खासतौर पर यह जानकारी सामने आने के बाद कि कतर स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए ईरानी हमले ‘सुनियोजित’ थे और इनमें कोई मानवीय क्षति नहीं हुई।
इस गिरावट का असर भारत की तेल कंपनियों पर साफ दिखाई दे सकता है। बीते महीने तेल की बढ़ती कीमतों के चलते इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी OMC कंपनियों के शेयरों में दबाव देखा गया था। इन कंपनियों की लागत बढ़ती है लेकिन सरकारी मूल्य नियंत्रण और मांग की अनिश्चितता के चलते वे उपभोक्ताओं पर पूरी लागत नहीं डाल पातीं, जिससे मुनाफा घटता है।
वहीं, ऑयल इंडिया और ओएनजीसी जैसी अपस्ट्रीम कंपनियों को उच्च कच्चे तेल कीमतों से लाभ होता है। पिछले महीने इनके शेयरों में 10% तक की बढ़ोतरी देखी गई थी, क्योंकि ये कंपनियां हर बैरल पर अधिक कमाई करती हैं जबकि उनकी उत्पादन लागत स्थिर रहती है।
अब जब तेल कीमतों में नरमी आई है, निवेशकों की नजर OMC कंपनियों पर टिकी है जिन्हें इस गिरावट से राहत मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह रुझान जारी रहा, तो उपभोक्ताओं के साथ-साथ तेल कंपनियों के मार्जिन पर भी सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।