चमड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, DGFT ने हटाए कई प्रतिबंध
- Post By Admin on May 27 2025

नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने वैल्यू-एडेड चमड़ा उत्पादों के निर्यात को सुगम बनाने के लिए अहम कदम उठाया है। मंत्रालय ने एक नई अधिसूचना जारी कर चमड़ा निर्यात पर लगाए गए कई प्रमुख प्रतिबंध हटा दिए हैं, जिससे व्यापारियों के लिए अनुपालन का बोझ कम होगा और कारोबार में सहजता बढ़ेगी।
अब बंदरगाह प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, जिसके तहत तैयार चमड़ा, गीला नीला चमड़ा और ईआई टेंडेड चमड़ा किसी भी बंदरगाह या इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) से निर्यात किया जा सकेगा। इससे पहले ये निर्यात केवल कुछ विशिष्ट अधिसूचित बंदरगाहों तक सीमित थे।
इसके साथ ही, केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (सीएलआरआई) द्वारा आवश्यक परीक्षण और प्रमाणन की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है। यह कदम वैल्यू-एडेड चमड़ा उत्पादों के निर्यात की प्रक्रिया को सरल बनाने और कच्चे चमड़े से इन्हें अलग करने के लिए लगाए गए अतिरिक्त नियमों को हटाने की दिशा में है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, निर्यात कर समाप्ति और कच्चे तथा प्रोसेस्ड चमड़े के बीच स्पष्ट भौतिक अंतर के कारण अब इन जांचों को अनावश्यक माना गया है। यह निर्णय चमड़ा निर्यात परिषद, निर्यातकों और सीएलआरआई जैसे हितधारकों से परामर्श के बाद लिया गया है।
इस पहल से न केवल निर्यात प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि लेन-देन की लागत भी घटेगी, जिससे खासतौर पर एमएसएमई निर्यातकों को लाभ होगा। साथ ही, यह कदम भारत के चमड़ा निर्यात को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देने की दिशा में भी सहायक सिद्ध होगा।
वर्तमान में, भारत के चमड़ा और गैर-चमड़ा फुटवियर निर्यात में वित्त वर्ष 2025 में करीब 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 5.7 बिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंच गई है। चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 6.5 बिलियन डॉलर से ऊपर पहुंच सकता है।
सीएलई ने बताया कि विकसित और विकासशील देशों दोनों में मांग मजबूत बनी हुई है, जो इस सेक्टर की निरंतर प्रगति का संकेत है।
यह कदम भारत की चमड़ा उद्योग को वैश्विक मंच पर और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के साथ ही निर्यातकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।