चीन को बड़ा झटका : भारत ने छह चीनी उत्पादों पर लगाया एंटी-डंपिंग शुल्क
- Post By Admin on Jun 26 2025

नई दिल्ली : भारत ने चीन से सस्ते आयात पर करारा प्रहार करते हुए छह प्रमुख उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने का बड़ा फैसला लिया है। यह कदम घरेलू उद्योगों को अनुचित विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह शुल्क पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा।
जिन चीनी उत्पादों पर शुल्क लगाया गया है, उनमें पीईडीए (herbicide intermediate), एसीटोनाइट्राइल, विटामिन-ए पामिटेट, अघुलनशील सल्फर, डेकोर पेपर और पोटेशियम टर्शियरी ब्यूटॉक्साइड शामिल हैं। ये सभी उत्पाद फार्मास्युटिकल, कृषि रसायन, टायर, रसायन और सजावटी कागज उद्योगों में व्यापक उपयोग में लाए जाते हैं।
शुल्क की दरें इस प्रकार हैं:
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पीईडीए: $1,305.6 से $2,017.9 प्रति टन
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एसीटोनाइट्राइल (चीन, रूस, ताइवान से आयात): $481 प्रति टन
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विटामिन-ए पामिटेट (चीन, EU, स्विट्जरलैंड): $20.87 प्रति किलोग्राम
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अघुलनशील सल्फर (चीन, जापान): $358 प्रति टन
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पोटेशियम टर्शियरी ब्यूटॉक्साइड (चीन, अमेरिका): $1,710 प्रति टन
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डेकोर पेपर: $542 प्रति टन
यह कार्यवाही वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिश पर की गई है, जिसने इन उत्पादों की डंपिंग से घरेलू उद्योगों को हुए संभावित नुकसान की विस्तृत जांच की थी।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने और भारतीय विनिर्माताओं को विदेशी प्रतिस्पर्धा के खिलाफ संरक्षण देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत यह कार्यवाही पूरी तरह वैध है।
गौरतलब है कि भारत-चीन व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है। 2024-25 में यह घाटा बढ़कर 99.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इस दौरान चीन से आयात में 11.52% की बढ़ोतरी हुई है जबकि निर्यात में 14.5% की गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार का मानना है कि इस तरह के कदम 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने में सहायक होंगे, साथ ही चीनी आयात पर निर्भरता कम करने में भी योगदान देंगे।