टोयोटा प्रमुख ने इलेक्ट्रिक वाहनों के पर्यावरणीय प्रभाव पर उठाए सवाल, हाइब्रिड को बताया बेहतर विकल्प
- Post By Admin on May 13 2025

नई दिल्ली : इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच टोयोटा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी अकीओ टोयोडा ने इस तकनीक के पर्यावरणीय प्रभाव पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को पूरी तरह से पर्यावरण हितैषी मानना सही नहीं है, क्योंकि इनकी बैटरियों के निर्माण और चार्जिंग प्रक्रिया से भी प्रदूषण फैलता है।
टोयोडा ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों में लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसी धातुओं का उपयोग होता है, जिनकी खनन प्रक्रिया पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। इसके अलावा, बैटरियों के निर्माण और परिवहन के दौरान भी कार्बन उत्सर्जन होता है, जो वायु प्रदूषण का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि अगर इन वाहनों को चार्ज करने के लिए कोयला या गैस जैसे प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों से बनी बिजली का उपयोग होता है, तो इन वाहनों का कुल पर्यावरणीय प्रभाव नकारात्मक हो सकता है।
हाइब्रिड वाहनों को बताया उपयोगी
टोयोटा प्रमुख ने हाइब्रिड तकनीक को बेहतर विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि टोयोटा अब तक 2 करोड़ 70 लाख से अधिक हाइब्रिड वाहन बेच चुकी है। ये वाहन इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन करते हैं और इन्हें चार्ज करने के लिए अलग से चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता नहीं होती।
टोयोडा ने खास तौर पर भारत की स्थिति पर जोर देते हुए कहा कि यहां चार्जिंग स्टेशन हर जगह उपलब्ध नहीं हैं और बिजली आपूर्ति में भी अनिश्चितता बनी रहती है। ऐसे में हाइब्रिड वाहन देश के लिए अधिक व्यावहारिक और पर्यावरण के अनुकूल साबित हो सकते हैं।
विचार योग्य मुद्दा
टोयोडा के बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन सिर्फ इस आधार पर नहीं किया जाना चाहिए कि उनसे धुआं नहीं निकलता। उनकी बैटरियों के निर्माण, चार्जिंग के स्रोत और अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना जरूरी है। भारत जैसे देशों में, जहां स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन और चार्जिंग सुविधाओं की उपलब्धता अभी भी एक चुनौती है, हाइब्रिड तकनीक एक बेहतर समाधान हो सकती है।