अमेरिका में ट्रंप के सख्त रुख से भारत अलर्ट, छात्रों को सतर्क रहने की सलाह

  • Post By Admin on Mar 22 2025
अमेरिका में ट्रंप के सख्त रुख से भारत अलर्ट, छात्रों को सतर्क रहने की सलाह

नई दिल्ली : अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मिशन डिपोर्टेशन ने खलबली मचा दी है। ट्रंप के सख्त तेवर और अवैध अप्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के बाद भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। खासतौर पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र-छात्राओं को सतर्क रहने और अमेरिकी कानून का पूरी तरह पालन करने की सलाह दी गई है।

दरअसल, हाल ही में भारत के रिसर्चर बदर खान सूरी को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था, जबकि एक अन्य छात्रा रजनी श्रीनिवासन को अपना वीजा रद्द कर कनाडा में सेल्फ डिपोर्ट होना पड़ा। इन दोनों मामलों के बाद भारत सरकार ने अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ किया कि अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को किसी भी तरह की परेशानी होती है तो भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास पूरी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र या भारतीय नागरिक मदद चाहता है, तो वह बेहिचक भारतीय मिशन से संपर्क कर सकता है।

हमास से कनेक्शन के आरोप में फंसे भारतीय छात्र

बताया जा रहा है कि बदर खान सूरी पर अमेरिका में हमास का समर्थन करने और उससे संबंध रखने के आरोप लगे हैं। सूरी जामिया मिलिया इस्लामिया से पीएचडी करने के बाद अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में रिसर्च कर रहा था। अमेरिकी प्रशासन ने उसका वीजा रद्द कर दिया है। वहीं रजनी श्रीनिवासन, जो कोलंबिया यूनिवर्सिटी की छात्रा थीं, उन पर भी हमास के समर्थन में गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। वीजा रद्द होने के बाद रजनी ने खुद को कनाडा में सेल्फ डिपोर्ट किया।

भारत सरकार की अपील - कानून का पालन करें छात्र

रणधीर जायसवाल ने कहा कि फिलहाल दोनों भारतीय नागरिकों - बदर खान सूरी और रजनी श्रीनिवासन ने भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं किया था। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अमेरिका में पढ़ाई के दौरान स्थानीय कानूनों का पूरी तरह से पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि से दूरी बनाकर रखें।

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीय छात्र

गौरतलब है कि हर साल हजारों भारतीय छात्र अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। ऐसे में भारत सरकार अमेरिका के साथ शैक्षिक रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है। लेकिन ट्रंप के डिपोर्टेशन अभियान और हालिया घटनाओं ने भारतीय छात्रों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी भारतीय छात्र को जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। साथ ही सभी से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी तरह की असंवैधानिक गतिविधियों से बचें।