भारतीयों की काली करतूत, छोटी नौकाओं में सवार होकर अवैध रूप से पहुंचें ब्रिटेन

  • Post By Admin on Mar 13 2023
भारतीयों की काली करतूत, छोटी नौकाओं में सवार होकर अवैध रूप से पहुंचें ब्रिटेन

लंदन: इंग्लिश चैनल पार करके ब्रिटेन में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या में पिछले साल बढ़ोतरी दर्ज की गई और छोटी नौकाओं पर सवार होकर कुल 683 लोग देश में आए, जिनमें अधिकतर भारतीय पुरुष हैं। ब्रिटेन में अनियमित प्रवासन के संबंध में देश के गृह विभाग के पिछले साल के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में अवैध रूप से सीमा पार करके आने वाले भारतीयों की संख्या साल-दर-साल बढ़ रही है। वर्ष 2021 में 67 भारतीय नागरिक छोटी नौकाओं से सीमा पार करके आए थे, जबकि 2020 में यह संख्या 64 थी और 2019 एवं 2018 में ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया था।

प्रवासन एवं गतिशीलता साझेदारी (एमएमपी) के तहत ब्रिटेन का भारत के साथ एक वापसी समझौता है, जिसका उल्लेख ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पिछले सप्ताह संसद में किया था। सुनक ने सदन में कहा था, हमने भारत, पाकिस्तान, सर्बिया, नाइजीरिया और महत्वपूर्ण रूप से अब अल्बानिया के साथ वापसी समझौते किए हैं। भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ने कहा था, हमारी स्थिति स्पष्ट है, यदि आप अवैध रूप से यहां पहुंचते हैं तो आप यहां शरण का दावा नहीं कर पाएंगे, आप आधुनिक दासता प्रणाली का हिस्सा नहीं बना पाएंगे और आप मानवाधिकारों के फर्जी दावे नहीं कर पाएंगे।

गृह विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 400 भारतीय नागरिक ऐसे भी हैं जो 2022 में ब्रिटेन में हवाई मार्ग से अपर्याप्त दस्तावेजों के साथ पहुंचे लोगों की श्रेणी में आते हैं। ब्रिटेन में 2022 में कुल 45,755 लोग छोटी नौकाओं से अवैध रूप से देश पहुंचे, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। इन भारतीय नागरिकों की आयु 25 वर्ष से 40 वर्ष के बीच है। ब्रिटेन में जलमार्ग से अवैध तरीके से आए इन लोगों में अधिकतर अल्बानिया एवं अफगानिस्तान के नागरिक हैं। इसके बाद ईरान, इराक और सीरिया के नागरिक हैं। इस सूची में पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के नागरिक भी शामिल हैं।



ऐसा माना जाता है कि तस्कर लोगों को छोटी और अक्सर असुरक्षित नावों के जरिए अवैध रूप से लाने के लिए हजारों पाउंड वसूलते हैं। ये लोग इस उम्मीद में ब्रिटेन आते हैं कि वे देश में शरण का दावा कर सकेंगे। इस प्रकार की यात्राओं के कारण पिछले कुछ साल में कई लोगों की मौत हुई है। इसके बावजूद इस तरह की खतरनाक यात्रा करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।