सुप्रीम कोर्ट से इमरान खान को बड़ी राहत, दंगों से जुड़े आठ मामलों में मिली जमानत

  • Post By Admin on Aug 21 2025
सुप्रीम कोर्ट से इमरान खान को बड़ी राहत, दंगों से जुड़े आठ मामलों में मिली जमानत

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने 9 मई, 2023 को देशभर में भड़के हिंसक दंगों से संबंधित आठ मामलों में उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली। यह फैसला पाकिस्तान की राजनीति के लिए एक अहम मोड़ माना जा रहा है, जहां खान और उनकी पार्टी लंबे समय से कानूनी दबावों और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विताओं का सामना कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश याह्या अफरीदी ने की और जिसमें न्यायमूर्ति मुहम्मद शफी सिद्दीकी तथा मियांगुल हसन औरंगजेब शामिल थे, ने गुरुवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद यह निर्णय सुनाया।

इमरान खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान सफदर ने पक्ष रखा, जबकि राज्य का प्रतिनिधित्व पंजाब के विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने किया। मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने अभियोजक से पूछा कि क्या लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले में दिए गए अवलोकनों का इस मामले में कोई प्रभाव है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि यदि उसी अदालत ने पहले षड्यंत्र के आरोपों वाले एक अन्य संदिग्ध को जमानत दी थी, तो क्या वरीयता का वही सिद्धांत इमरान खान पर लागू नहीं होना चाहिए।

अभियोजक नकवी ने अदालत से आग्रह किया कि उन्हें मामले के गुण-दोष पर दलीलें पेश करने की अनुमति दी जाए। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट केवल कानूनी सवालों पर ही विचार करेगी और किसी भी स्थिति में मुकदमे की गहराई में जाकर बहस की अनुमति नहीं दी जाएगी। अंततः अदालत ने इमरान खान की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उन्हें राहत प्रदान की।

इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस फैसले को "न्याय की जीत" करार दिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इसे इमरान खान और पाकिस्तान के लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक बताया। विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला न केवल खान की राजनीतिक संभावनाओं को मजबूत करेगा, बल्कि उनके समर्थकों का उत्साह भी बढ़ाएगा, जो पिछले एक साल से लगातार आंदोलनों और गिरफ्तारियों का सामना कर रहे हैं।

नवंबर 2024 में लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने इमरान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जून 2025 में लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसी कारण खान के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उल्लेखनीय है कि 9 मई, 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे, जिनमें सरकारी इमारतों, सैन्य प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। सरकार ने इन घटनाओं के लिए खान और उनकी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया था।

इमरान खान पर अभी कई गंभीर मामले लंबित हैं। इनमें सरकारी उपहारों से जुड़े 19 करोड़ पाउंड के कथित भ्रष्टाचार का मामला सबसे बड़ा है, जिसके चलते वह अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इमरान खान की राजनीतिक वापसी की राह आसान बना सकता है, लेकिन अन्य लंबित मामलों और सरकार के रुख को देखते हुए यह कहना जल्दबाजी होगी कि वह पूरी तरह से सक्रिय राजनीति में लौट पाएंगे। आने वाले महीनों में पाकिस्तान की राजनीतिक दिशा काफी हद तक इसी बात पर निर्भर करेगी कि खान पर चल रहे बाकी मुकदमों में अदालतें क्या निर्णय लेती हैं।