बेरेन क्रांति की 33वीं वर्षगांठ पर बांग्लादेश में उठी चीनी अत्याचारों के खिलाफ आवाज
- Post By Admin on Apr 06 2023

ढाका: पूर्वी तुर्किस्तान में बेरेन क्रांति की 33वीं वर्षगांठ पर बांग्लादेश में विभिन्न हिस्सों में चीन के विरोध में प्रदर्शन और सम्मेलन आयोजित किए गए। पूर्वी तुर्किस्तान को चीन में शिनजियांग प्रांत के नाम से जाना जाता है। इस प्रांत को उइगर मुसलमानों के दमन के रूप में जाना जाता है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बांग्लादेश खिलाफत आंदोलन सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में शिनजियांग पर अवैध कब्जे और उइगर मुसलमानों पर अत्याचार के लिए चीन की निंदा की गई। इस्लामिक प्रोगोतोशील जनता फ्रंट ने भी इस अवसर पर चर्चा कार्यक्रम आयोजित किया। चर्चा में कई इस्लामी बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। बांग्लादेश मुहाजिर वेलफेयर एंड डेवलपमेंट कमेटी ने भी ढाका विश्वविद्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और मानव श्रृंखला बनाई। बीएमडब्ल्यूडीसी सदस्यों ने चीन दूतावास को ज्ञापन भी सौंपा। ओपन डायलॉग बांग्लादेश ने नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। इसके अलावा गाजीपुर में संचेतन नागरिक समाज, रणपुर में मुक्तिजोध मंच (एमएम), खुलना में गैर-सरकारी संगठन अलोकितो फाउंडेशन एवं सम्मिलितो सामाजिक आंदोलन और चटगांव में बांग्लादेश इस्लामी फ्रंट द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इन कार्यक्रमों में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार के लिए चीन की आलोचना की गई। लोगों में पर्चे बांटे गए। मुस्लिम संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगा। कई मुस्लिम संगठनों ने मुस्लिम देशों से इस मुद्दे पर आवाज उठाने की अपील की और बांग्लादेश स्थित चीनी दूतावास में ज्ञापन सौंपा। बांग्लादेश इस्लामी फ्रंट ने बांग्लादेश में चीन के बहिष्कार की मांग की। उल्लेखनीय है कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमान विद्रोहियों और चीनी सैन्य बलों के बीच 5 अप्रैल से 10 अप्रैल 1990 के दौरान संघर्ष चला था। उइगर शिनजियांग को चीन से आजाद करवाना चाहते थे। छह दिन तक चले इस संघर्ष में चीन सरकार ने उइगर विद्रोह को कुचल दिया था।