वर्ल्ड मेडिटेशन डे : 10 लाख लोग एक साथ करेंगे ध्यान
- Post By Admin on Dec 18 2025
वॉशिंगटन : मानसिक स्वास्थ्य और वैश्विक शांति को बढ़ावा देने की दिशा में भारतीय मूल का हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहा है। वर्ल्ड मेडिटेशन डे के अवसर पर 21 दिसंबर को संस्थान एक साथ करीब 10 लाख लोगों को जोड़कर सामूहिक ध्यान सत्र आयोजित करेगा। इस भव्य आयोजन के जरिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी तैयारी की जा रही है।
हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम पूरी तरह लाइव और गाइडेड होगा, जिसमें दुनियाभर के प्रतिभागी ऑनलाइन माध्यम से जुड़ेंगे। एचटीसी ग्लोबल सर्विसेज के कार्यकारी उपाध्यक्ष और हार्टफुलनेस मेडिटेशन के वरिष्ठ प्रशिक्षक जेम्स जोसेफ ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि अमेरिका में यह ध्यान सत्र सुबह 9:30 बजे शुरू होगा।
जोसेफ ने कहा, “21 दिसंबर को वर्ल्ड मेडिटेशन डे के मौके पर हमारा लक्ष्य दुनियाभर से करीब 10 लाख लोगों को एक साथ ध्यान के माध्यम से जोड़ना है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर शांति, सद्भाव और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देना है।”
इस सामूहिक ध्यान सत्र का नेतृत्व हार्टफुलनेस के ग्लोबल गाइड दाजी करेंगे, जो वर्तमान में भारत में रहते हैं। दाजी हार्टफुलनेस मेडिटेशन परंपरा के प्रमुख मार्गदर्शक हैं, जिसकी जड़ें प्राचीन राजयोग पर आधारित हैं और जिसे आधुनिक समय के अनुरूप ढाला गया है।
जोसेफ ने बताया कि हार्टफुलनेस आंदोलन आज एक वैश्विक पहचान बना चुका है और इससे लगभग एक करोड़ लोग जुड़े हुए हैं, जो या तो नियमित ध्यान अभ्यास करते हैं या इस पद्धति से परिचित हैं। 21 दिसंबर को होने वाले इस ध्यान सत्र में करीब 160 देशों से प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है।
कार्यक्रम सभी के लिए निःशुल्क और खुला रहेगा। इच्छुक लोग आयोजकों द्वारा उपलब्ध कराए गए क्यूआर कोड के जरिए पंजीकरण कर इसमें भाग ले सकते हैं।
जोसेफ ने कहा कि योग और ध्यान के क्षेत्र में भारत का योगदान पूरी दुनिया में अतुलनीय रहा है। उन्होंने बताया, “यह आयोजन भारत की इस विरासत को आगे बढ़ाने और वैश्विक शांति आंदोलन का हिस्सा बनने का एक बड़ा अवसर है। मेडिटेशन मन और हृदय को बदलने का सशक्त माध्यम है, और इस दिन 10 लाख लोग एक साथ जुड़कर शांति का संदेश देंगे।”
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर को वर्ल्ड मेडिटेशन डे घोषित किया है। हार्टफुलनेस की शुरुआत राम चंद्र मिशन से हुई, जो भारत मुख्यालय वाला एक वैश्विक आध्यात्मिक संगठन है और आज मेडिटेशन सेंटर, प्रशिक्षित साधकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पूरी दुनिया में सक्रिय है।