टीबी मरीजों का इलाज अब हेल्थ वेलनेस केंद्रों पर
- Post By Admin on Nov 29 2024
लखीसराय : सदर अस्पताल के सभागार में सूरजगढ़ा प्रखंड के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र पर टीबी मरीजों की पहचान और इलाज से संबंधित था। प्रशिक्षण का संचालन डब्ल्यूएचओ के राज्य स्तरीय कंसल्टेंट डॉ. ग्रिवरण द्वारा किया गया।
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. श्रीनिवास शर्मा ने बताया कि अब टीबी मरीजों को इलाज और दवा के लिए प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह सुविधा उनके गाँव और क्षेत्र में हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र पर उपलब्ध कराई जाएगी।
डॉ. शर्मा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर संभावित टीबी मरीजों की पहचान करेंगी और उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र पर भेजेंगी। वहाँ सीएचओ संदिग्ध मरीज के बलगम का नमूना लेकर उसे जांच के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजेंगे। यदि जांच में टीबी की पुष्टि होती है तो मरीज का इलाज हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र पर ही किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधांशु नारायण लाल ने बताया कि सूरजगढ़ा प्रखंड को छोड़कर अन्य सभी प्रखंडों में पहले ही सीएचओ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 2025 तक टीबी उन्मूलन के सरकारी लक्ष्य को पूरा करना है। मरीजों को समय पर पहचान और इलाज उनके द्वार पर उपलब्ध कराकर इस लक्ष्य को हासिल करना संभव होगा।
यदि आपको लगातार दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी हो रही है, छाती में दर्द या कफ में खून आ रहा है, कमजोरी और थकावट महसूस हो रही है, वजन तेजी से घट रहा है, भूख नहीं लग रही है, ठंड लगना, बुखार रहना या रात को पसीना आ रहा है तो यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में समय पर जांच और इलाज बहुत जरूरी है क्योंकि टीबी का सही समय पर इलाज इसे पूरी तरह ठीक कर सकता है। लक्षण नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।