ताजिकिस्तान में फंसे बिहार के दर्जनों मजदूर, वतन वापसी की लगायी गुहार

  • Post By Admin on Jan 31 2023
ताजिकिस्तान में फंसे बिहार के दर्जनों मजदूर, वतन वापसी की लगायी गुहार

सीवान : भारतीय मजदूर रोजी रोटी की तलाश में विदेश जाते है और अक्सर उनके वहां फंसने की घटना सामने आती रहती है. एक बार फिर एक ऐसा ही मामला ताजिकिस्तान से सामने आ रहा है. कंपनी की मनमानी की कारण दर्जनभर भारतीय मजदूर वहां फंसे हुए है. वहां उनको खाने पीने तक के लाले पड़े हुए है. इनमें आधा दर्जन से अधिक मजदूर बिहार के रहने वाले है. जिसमें से सीवान के कई मजदूर शामिल है. यह लोग भारत वापस आने के लिए सरकार से मदद मांग रहे है. उनके परिजनों का कहना है कि लाखों रुपये लेकर विदेश भेजने वाली दिल्ली कि परी इंटरप्राइजेज ने वहां कि कंपनी टीजीएम के लिए भेजा था. 

यह परी इंटरप्राइजेज ताजिकिस्तान कि कंपनी टीजीएम को मजदूरों के हित में काम करने वाली बताकर एक महीने पहले भेजा गया था. एग्रीमेंट के अनुसार 11 घंटे की ड्यूटी और खाने पीने की जिम्मेदारी कंपनी की थी. लेकिन वहां पहुंचने पर कंपनी मनमानी करने लगी. वहां मजदूरों को 12 घंटे के बजाय 14 घंटे काम कराया जा रहा है. उन्हें ओवरटाइम भी नहीं दिया जा रहा है. वहां उनको खाने पीने तक के लाले पड़े हैं. उन्हें खाने के नाम पर उबले हुए आलू और चावल के साथ साथ पीने के लिए पहाड़ों से बहने वाला गन्दा पानी दिया जा रहा. वह भी उन्हें समय पर नहीं दिया जाता है. जिस वजह से कई मजदूर मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार पड़ गए हैं. मजदूरों को ना तो सिम दिया गया है और ना ही उनके परिजनों से बात करने दिया जा रहा है.

ताजिकिस्तान में फंसे भारतीय मजदूरों में से आधा दर्जन से अधिक मजदूर बिहार से हैं. इनमें से सीवान से हरदिया बंगरा गांव के रमाकांत कुशवाहा, रमेश कुशवाहा, तेलियाबाग गांव के मंटू सिंह, ओरमा गांव के ओमप्रकाश, नवादा गांव के नन्द जी, वियही गांव के सुनील कुमार सहित कई मजदूर शामिल हैं. सभी लोग वतन वापसी के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.