अनामांकित और छीजित बच्चों की पहचान के लिए सर्वे शुरू
- Post By Admin on Nov 29 2024

लखीसराय : जिले में अनामांकित और छीजित बच्चों की पहचान के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत घर-घर सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा। गुरुवार को जिला मुख्यालय के पुरानी बाजार स्थित समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय सभागार में मास्टर ट्रेनरों के लिए एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। सर्वे के माध्यम से 6 से 14 वर्ष के स्कूल से बाहर बच्चों की पहचान कर उनका उम्र के अनुसार कक्षाओं में नामांकन कराया जाएगा।
बेसलाइन टेस्ट के जरिए बच्चों के ज्ञान का स्तर जांचने के बाद उन्हें उनकी उम्र के अनुसार कक्षाओं में नामांकित किया जाएगा। साथ ही, उन्हें उपचारात्मक शिक्षा प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 15-19 आयु वर्ग के उन बच्चों को भी चिह्नित किया जाएगा जो किसी कारणवश 10वीं या 12वीं की पढ़ाई पूरी नहीं कर सके। ऐसे बच्चों के लिए दूरस्थ शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाएगी। सभी स्कूलों में हेल्प डेस्क का गठन किया जाएगा, जिसके माध्यम से आंकड़ों का संग्रहण किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान सभी शिक्षकों को सर्वेक्षण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें बच्चों से जुड़ी विस्तृत जानकारी दर्ज की जाएगी। बच्चों के शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के अनुसार, 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है, जिसे सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की जा रही है।
जिले के सभी प्रखंडों के शिक्षकों को सर्वेक्षण के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रत्येक प्रखंड के मास्टर ट्रेनर 5 दिसंबर तक प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण देंगे। मास्टर ट्रेनरों में मुनींद्र झा, अनुपम टोनी, मोहम्मद सिराज कादरी, चंदन कुमार, कुमार जंग बहादुर, मिथिलेश कुमार हलसी, पप्पू कुमार, सुधीर कुमार आदि शामिल हैं। सर्वेक्षण के बाद आंकड़ों की प्रविष्टि प्रबंध पोर्टल पर की जाएगी। छह से आठ वर्ष के बच्चों को सीधे कक्षा 1 से 3 में नामांकित किया जाएगा। इसके लिए सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक प्रखंड संसाधन केंद्र पर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। यह सर्वेक्षण शिक्षा के अधिकार को प्रत्येक बच्चे तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। घर-घर जाकर बच्चों की पहचान करना और उन्हें शिक्षा से जोड़ना अभियान का मुख्य उद्देश्य है।