बस्तर के सिलगेर आंदोलनकारियों से मिलने पहुंचे लोक कलाकार सुनील कुमार

  • Post By Admin on Jun 01 2023
बस्तर के सिलगेर आंदोलनकारियों से मिलने पहुंचे लोक कलाकार सुनील कुमार

मुजफ्फरपुर : छत्तीसगढ़ के सबसे लंबे दिनों तक चलने वाला सिलगेर आंदोलनकारियों से लोक कलाकार सुनील कुमार मिलने पहुंचे। सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक लोक कलाकार सुनील कुमार ने बताया कि सिलगेर गांव में स्थापित हुए नए पुलिस कैंप के विरोध में हजारों ग्रामीणों ने 11 मई 2021 को आंदोलन की शुरुआत की थी। विरोध के चलते पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प में 4 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। दो सालों से सिलगेर जिले में चल रहा आंदोलन, मांग को लेकर सैकड़ों ग्रामीण अब भी डटे हैं।

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में पिछले कुछ महीनों से सरकार के खिलाफ आदिवासियों की जमकर नाराजगी देखने को मिल रही है। फिर चाहे वह बीजापुर में चल रहे सिलगेर आंदोलन (Silger Movement ) का मामला हो या नारायणपुर ओरछा में मूलवासी बचाओ मंच का धरना। बस्तर के अंदरूनी गांव में नए पुलिस कैंप खोले जाने के मामले में आदिवासी लगतार सरकार को घेर रहे हैं और अब अपनी मांगों को लेकर सड़कों में भी उतर आए हैं।

बताते चलें कि पिछले दो सालों से सिलगेर आंदोलन चल रहा है। 11 मई 2021 को बीजापुर जिले के सिलगेर गांव में स्थापित हुए नए पुलिस कैंप के विरोध में आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों ने आंदोलन की शुरुआत की थी। आंदोलन के पांचवें दिन ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई जिसके बाद पुलिस के जवानों ने ग्रामीणों पर फायरिंग कर दी जिसमें 4 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। मरने वालों में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी। इस घटना के बाद से ग्रामीणों का आंदोलन और उग्र हो गया और आसपास के 50 से अधिक गांवों के हजारों आदिवासी सिलगेर में जुटने लगे। इस आंदोलन को अब दो साल बीत गए है, आंदोलनकर्ता अपनी 3 सूत्रीय मांग को लेकर अड़े हुए हैं और लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

ग्रामीणों की मांग है कि इस घटना में मृत लोगों के परिवारों को मुआवजा और दोषी पुलिसकर्मियों को सजा दी जाए। इस मामले को लेकर आंदोलनकारियों का राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री से भी बैठकों का दौर चला लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं आया। जिसके चलते ग्रामीणों ने अपने आंदोलन को जारी रखा है। वहीं, अब इस आंदोलन की चिंगारी बस्तर संभाग के अन्य जिलों में भी फैल गई है। दो सालों से चल रहा सिलगेर आंदोलन प्रदेश में अब तक का  सबसे लंबे समय तक चलने वाला आंदोलन है. अपनी मांगों को लेकर सैकड़ों ग्रामीण खुले आसमान में  टेंट लगाकर आंदोलन पर बैठे हुए हैं।