सिपाही भर्ती परीक्षा की तैयारियों को लेकर समीक्षात्मक बैठक आयोजित 

  • Post By Admin on Jul 30 2024
सिपाही भर्ती परीक्षा की तैयारियों को लेकर समीक्षात्मक बैठक आयोजित 

लखीसराय: सिपाही भर्ती परीक्षा की तैयारी को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालय के नया बाजार स्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) कार्यालय में केंद्राधीक्षकों की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने की। 

डीईओ यदुवंश राम ने सभी परीक्षा केंद्रों पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने सभी केंद्राधीक्षकों को परीक्षा कक्ष में बिजली, स्विचबोर्ड, वायरिंग, पेयजल और शौचालय की समुचित व्यवस्था रखने का निर्देश दिया। इसके साथ-साथ आर. लाल कॉलेज में आवश्यकता अनुसार पंखों की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई। 

डीईओ ने विभागीय निर्देशों के शत-प्रतिशत अनुपालन पर जोर देते हुए कहा कि परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार, केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) द्वारा बिहार पुलिस में सिपाही के रिक्त पदों पर चयन हेतु 7 अगस्त, 11 अगस्त, 18 अगस्त, 21 अगस्त, 25 अगस्त, और 28 अगस्त को एकल पाली में परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके लिए जिले के नौ शिक्षण संस्थानों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में बालिका विद्यापीठ विद्या भवन, के.आर.के. उच्च विद्यालय, पुरानी बाजार उच्च विद्यालय, महिला विद्या मंदिर उच्च विद्यालय, राजकीय हसनपुर उच्च विद्यालय, श्री रामेश्वर सिंह उच्च विद्यालय बालगुदर, संत जोसेफ पब्लिक स्कूल, नाथ पब्लिक स्कूल, और आर. लाल कॉलेज शामिल हैं।

संत जोसेफ स्कूल के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक उमेश शर्मा को केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया गया है, जबकि आर. लाल कॉलेज के लिए खगौर की प्रभारी प्रधान शिक्षिका को केंद्र अधीक्षक बनाया गया है। सभी परीक्षा केंद्रों के लिए 222 निरीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। 

डीईओ ने सभी केंद्राधीक्षकों से कहा कि परीक्षा की प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतने की अपील की। 

इस बैठक का उद्देश्य परीक्षा केंद्रों की तैयारियों का आकलन करना और परीक्षा के दौरान आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना था, ताकि परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।