अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल दिवस पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण  

  • Post By Admin on Sep 20 2024
अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल दिवस पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण  

पटना : अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल दिवस के शुभ अवसर पर पर्यावरण भारती द्वारा 20 सितंबर 2024 को राजेन्द्र नगर, पटना के शाखा मैदान में एक विशेष पौधारोपण अभियान का आयोजन किया गया। इस दौरान फलदार वृक्ष जैसे कटहल, बेल, अमरूद, इमली, जामून और फूलों के कुल 21 पौधे लगाए गए। इस अभियान का नेतृत्व पर्यावरण प्रहरी नवनीत आनंद ने किया।

वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण का महत्व 
पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए श्री नवनीत आनंद ने कहा कि वृक्षारोपण एक अनिवार्य कदम है। उन्होंने बताया कि धरती पर कम से कम 33% जंगल होना चाहिए, जबकि वर्तमान में यह केवल 15% है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य बनता है कि वह अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें।

कार्यक्रम में शामिल पर्यावरण नारी शक्ति प्रांत टोली की सदस्य और रेडियोलॉजी विशेषज्ञ, डॉ. सुचेता सिंह ने कहा कि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करता है, बल्कि नई पीढ़ी को पर्यावरण के महत्व की जानकारी भी देता है। उन्होंने बताया कि फलदार वृक्ष न सिर्फ हमें फल प्रदान करते हैं, बल्कि शुद्ध प्राकृतिक ऑक्सीजन भी प्रदान करते हैं, जो मानव जीवन के लिए आवश्यक है। डॉ. सिंह ने सभी से अपील की कि वे पौधारोपण करें और कम से कम पांच वर्षों तक उनकी सुरक्षा का जिम्मा उठाएं।

भारतीय संस्कृति में वृक्षों का महत्व 
पर्यावरण भारती के संस्थापक, रामबिलास शाण्डिल्य ने भारतीय संस्कृति में वृक्षों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमारे लिए चौक-चौराहों और गाँवों में विशाल पीपल, बरगद, और पाकड़ जैसे देववृक्ष लगाए हैं, जो आज भी प्राकृतिक ऑक्सीजन बूथ की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय परंपरा में पीपल और बरगद के पेड़ काटना और जलाना निषिद्ध माना गया है। 

शाण्डिल्य ने चिंता जताते हुए कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण के दुश्मन इन वृक्षों को काट रहे हैं, जिससे मानव जीवन पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने 2019 में फैली कोरोना महामारी को एक चेतावनी बताते हुए कहा कि यदि हम पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते रहेंगे, तो प्रकृति भी मानव जीवन को नष्ट कर देगी। इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान वैश्विक संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष न केवल मानव जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर क्षति पहुँचा रहे हैं। शाण्डिल्य ने कहा कि अगर स्थिति ऐसी ही रही, तो भविष्य में मानव जाति भी डायनासोर की तरह विलुप्त हो सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल दिवस का महत्व  
20 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य खेलों को बढ़ावा देना है। यूनेस्को द्वारा 2016 में शुरू किए गए इस दिवस का उद्देश्य विश्वविद्यालयों में खेलकूद के प्रति रुचि बढ़ाना और छात्रों के बीच अनुशासन एवं शैक्षणिक स्तर को सुधारना है। शाण्डिल्य ने इस अवसर पर पौधारोपण अभियान को एक यादगार कार्य बताया और कहा कि खेल न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि समाज में एकता और सामंजस्य भी स्थापित करता है।

इस पौधारोपण अभियान में श्रीमती डॉ. सुचेता सिंह, अंकित कुमार, नवनीत आनंद, नवीन कुमार, अरविंद कुमार, सूर्य नारायण भारती, विशाल कुमार, मुकेश आचार्य, मनोज दयाल, विपिन बिहारी प्रसाद, भोला प्रसाद, सत्येंद्र कुमार ओझा, दिनेश गुप्ता, और बैंककर्मी माधव दास समेत कई पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लिया।

इस आयोजन ने पर्यावरण संरक्षण और खेल दिवस के महत्व को एक साथ जोड़ते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया।