दक्षिण एशिया में मानव ट्रैफिकिंग की रोकथाम और सुरक्षित प्रवासन के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यकता : तटवासी न्यास

  • Post By Admin on Feb 26 2025
दक्षिण एशिया में मानव ट्रैफिकिंग की रोकथाम और सुरक्षित प्रवासन के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यकता : तटवासी न्यास

लखीसराय: “ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ सुरक्षित प्रवासन को बढ़ावा” विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में दक्षिण एशिया के नौ देशों के सरकारों, नीति-निर्माताओं और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस संगोष्ठी का आयोजन एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन द्वारा किया गया, जबकि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन इस कार्यक्रम के तकनीकी भागीदार के रूप में शामिल था।

इस आयोजन में विभिन्न देशों के ट्रैफिकिंग पीड़ितों ने अपनी पीड़ा साझा की और इस मुद्दे की रोकथाम के लिए सुझाव दिए। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के संस्थापक भुवन ऋभु ने इस बात पर जोर दिया कि मानव दुर्व्यापार के खिलाफ एक कठोर और बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता है। उनका कहना था कि ट्रैफिकिंग के गिरोहों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर समन्वय की जरूरत है, ताकि बच्चों और युवाओं के शोषण को रोका जा सके।

संगोष्ठी में एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने जागरूकता की महत्वपूर्णता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को उनके अधिकारों के बारे में अवगत कराना बेहद जरूरी है, ताकि वे शोषण से बच सकें और अपने अधिकारों के लिए खड़े हो सकें।

माइग्रेंट फोरम इन एशिया की सदस्य बिजया कुमारी श्रेष्ठ ने नेपाल सरकार से श्रमिक गंतव्यों की संख्या बढ़ाने की अपील की, जबकि डीडब्ल्यूटी के विशेषज्ञ इंसाफ निजाम ने कार्यस्थलों पर मानवाधिकारों की सुरक्षा पर जोर दिया।

संगोष्ठी में सुझाव दिया गया कि प्रवासन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए सरकारों, नागरिक समाज संगठनों और अंतरराष्ट्रीय निकायों के बीच समन्वय बढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही, डिजिटल उपकरणों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

संगोष्ठी में भारतीय पुलिस फाउंडेशन के अध्यक्ष ओ.पी. सिंह, श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के डॉ. एम.एम.एस.एस.बी. यालेगामा और नेपाल के मानवाधिकार अधिकारी राजेंद्र थापा सहित कई प्रमुख प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए।