भूमि सर्वे के बीच दाखिल खारिज में सुधार, रैयतों की टेंशन दूर करने के लिए नया आदेश जारी

  • Post By Admin on Mar 06 2025
भूमि सर्वे के बीच दाखिल खारिज में सुधार, रैयतों की टेंशन दूर करने के लिए नया आदेश जारी

मुजफ्फरपुर : राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने दाखिल खारिज के मामलों में लिपिकीय और गणितीय भूलों के कारण हो रही परेशानियों को समाप्त करने के लिए एक अहम आदेश जारी किया है। विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि अब ऐसे मामलों का त्वरित निष्पादन होगा और रैयतों को बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके तहत समाहर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे इन मामलों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें और मानवीय भूलों के कारण रैयतों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

लिपिकीय और गणितीय भूलों से उत्पन्न परेशानियां

अक्सर देखा गया है कि दाखिल खारिज के मामलों में लिपिकीय अथवा गणितीय भूल के कारण अंचलाधिकारी स्तर पर मामले अस्वीकृत हो जाते हैं, जिसके बाद रैयतों को डीसीएलआर (डिप्टी कमिश्नर लैंड रेवेन्यू) कोर्ट में जाना पड़ता है। इससे रैयतों को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए, विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि इन मामलों का त्वरित निपटारा किया जाएगा और रैयतों को कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

नई व्यवस्था के तहत सीओ को मिलेगा आदेश पारित करने का अधिकार

नए आदेश के तहत, डीसीएलआर कोर्ट में सुनवाई की प्रथम तिथि पर ही संबंधित सीओ (सर्कल अफसर) को आदेश पारित करने का अधिकार दिया जाएगा। यदि लिपिकीय या गणितीय गलती की वजह से कोई मामला अस्वीकृत हुआ है, तो सीओ के स्तर से ही उसे सही किया जा सकेगा। इसके लिए रैयतों को आवश्यक कागजात और साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे, ताकि मामले का समाधान शीघ्र हो सके।

संजय सरावगी ने दिया विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश

इस बीच, राजस्व और भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे विधानमंडल में जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए लोकहित से संबंधित प्रश्नों का जवाब पूरी गंभीरता और जवाबदेही के साथ दें। उन्होंने कहा कि उत्तर में पूरी स्पष्टता होनी चाहिए, ताकि सदस्यों को सही और सटीक जानकारी मिल सके। संजय सरावगी ने मंगलवार को अपने कक्ष में विधानसभा और विधान परिषद से संबंधित लंबित प्रश्नों की समीक्षा की और विभाग से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में सटीकता पर जोर दिया।

इस आदेश और निर्देशों के जरिए विभाग ने न केवल रैयतों की परेशानियों को कम करने का प्रयास किया है, बल्कि अधिकारियों को जवाबदेही के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने की भी सख्त हिदायत दी है।