मुजफ्फरपुर में बिहार गुरु और एक्रीडेशन सॉल्यूशन द्वारा भव्य होली महोत्सव का आयोजन

  • Post By Admin on Mar 09 2025
मुजफ्फरपुर में बिहार गुरु और एक्रीडेशन सॉल्यूशन द्वारा भव्य होली महोत्सव का आयोजन

मुजफ्फरपुर : होली के पावन अवसर पर शहर में हर्षोल्लास का माहौल देखने को मिला, जब बिहार गुरु और एक्रीडेशन सॉल्यूशन के संयुक्त तत्वावधान में एक निजी बैंक्वेट हॉल में भव्य होली महोत्सव का आयोजन किया गया। इस आयोजन में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति ने इसे एक यादगार क्षण बना दिया।

होली प्रेम और एकता का प्रतीक: अविनाश तिरंगा

महोत्सव के दौरान बिहार गुरु के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने होली के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, भाईचारे और सामाजिक सौहार्द्र का पर्व है। इस अवसर पर हमें आपसी एकता और प्रेम को बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए।"

डॉ. संजय पंकज ने प्रस्तुत किया विशेष व्याख्यान

महोत्सव में साहित्य और संस्कृति से जुड़े कई गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। प्रख्यात साहित्यकार डॉ. संजय पंकज ने होली के ऐतिहासिक, पौराणिक और साहित्यिक महत्व पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि "होली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का जरिया भी है। यह त्योहार हमें प्रेम, समरसता और सामाजिक सद्भावना का संदेश देता है।"

राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की रही खास मौजूदगी

कार्यक्रम में राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कई प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हुए। बतौर मुख्य अतिथि केदार गुप्ता, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रंजन कुमार, राजीव कुमार, राजेश चौधरी, अखिलेश राय, सुनील कुमार पूर्व विधायक केदार प्रसाद, उपमेयर डॉ. मोनालिसा, संगीता शाही, अर्चना सिंह, मुकेश त्रिपाठी, एनौकस विलियम, प्रमोद आजाद, डॉ. एच. एन. भारद्वाज, रघुनन्दन प्रसाद सिंह, अन्नू सिंह, अखिलेश राय, राजीव रंजन, सुनील गुप्ता, डॉ. नवीन कुमार, के. पी. पप्पू, कन्हैया कुमार, हसनौन अजीम, अमीय भूषण, राजेश शाही, कुमार विरल, डॉ. सोनी, बबलू तिवारी, सबिता राज, कुमारी अन्नू , सुमन वृक्ष, कृष्ण कुमार, समेत सैकड़ों गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया।

संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन

महोत्सव में पारंपरिक होली गीतों, संगीत और नृत्य की भी धूम रही। स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से उपस्थित लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। ढोल-नगाड़ों की थाप और फूलों की होली ने पूरे माहौल को रंगीन बना दिया।

आयोजन ने बढ़ाया सामाजिक सौहार्द्र

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में आपसी प्रेम और सौहार्द्र को बढ़ावा देना था। आयोजकों ने इस प्रकार के आयोजन को हर साल करने की बात कही, ताकि सामाजिक समरसता को और मजबूती मिले।