जिलाधिकारी ने अभियोजन के लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन के दिए निर्देश

  • Post By Admin on Dec 31 2024
जिलाधिकारी ने अभियोजन के लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन के दिए निर्देश

सीतामढ़ी : जिलाधिकारी रिची पांडेय की अध्यक्षता में बीते सोमवार को समाहरणालय के विमर्श सभा कक्ष में अभियोजन की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रभारी विधि शाखा, लोक अभियोजक, विशेष लोक अभियोजक, पुलिस पदाधिकारी और अन्य विधि पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जिलाधिकारी ने अभियोजन मामलों की समीक्षा की और लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन के लिए कड़े निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सभी अभियोजन और पुलिस पदाधिकारियों से सामंजस्यपूर्ण ढंग से कार्य करने की अपील की और कहा कि स्पीडी ट्रायल मामलों और सामान्य वादों की समीक्षा की गई। बैठक में पाया गया कि लंबित वादों का निष्पादन धीमी गति से हो रहा है। जिसके कारण जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट की। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विधि पदाधिकारी स्पीडी ट्रायल मामलों का निष्पादन यथाशीघ्र सुनिश्चित करें और सामान्य मामलों में भी प्रगति लाने का प्रयास करें। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक वाद में राज्य का पक्ष दृढ़तापूर्वक रखा जाए ताकि अधिकाधिक दोष सिद्धि हो सके। उन्होंने दोषसिद्धि के मामलों की संख्या में कमी पर नाराजगी जताई और दोष सिद्धि बढ़ाने के लिए सभी अभियोजन पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।

उन्होंने अगले माह के भीतर प्रत्येक न्यायालय में दोष सिद्धि सुनिश्चित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया। बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि निष्पादन के अंतिम स्थिति वाले मामलों में गवाहों की गवाही समय पर पूरी कराकर विचारण प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि अभियुक्तों को जल्द सजा मिल सके। इसके साथ ही जिला लोक अभियोजन पदाधिकारी और अपर लोक अभियोजकों को निर्देशित किया गया कि वे सभी थानेदारों के साथ मासिक बैठकें करें ताकि केस डायरी और चार्ज शीट की गुणवत्ता में सुधार हो सके। बैठक में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार, मद्य निषेध अधिनियम और अन्य महत्वपूर्ण अभियोजन मामलों पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा, जिलाधिकारी ने उत्पाद अधिनियम के तहत वादों को प्राथमिकता पर निष्पादित कराने का निर्देश दिया। मुख्य रूप से एक्साइज एक्ट, पोक्सो एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, एससी/एसटी एक्ट, हत्या, डकैती, बलात्कार, शस्त्र अधिनियम जैसे गंभीर मामलों को चिन्हित करते हुए उन्हें प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा, “पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाना हम सभी की जिम्मेदारी है और यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि न्याय समय से मिले।”