बिहार के युवाओं ने निकाला अनोखा तरीका, 550 किमी की दूरी महज 4 घंटे में तय कर पहुंचे महाकुंभ

  • Post By Admin on Feb 18 2025
बिहार के युवाओं ने निकाला अनोखा तरीका, 550 किमी की दूरी महज 4 घंटे में तय कर पहुंचे महाकुंभ

बक्सर : महाकुंभ में शामिल होने का अनुभव सभी के लिए विशेष होता है, लेकिन बिहार के बक्सर जिले के सात युवाओं ने इस धार्मिक यात्रा के लिए एक बिल्कुल अलग रास्ता अपनाया। इन युवाओं ने गंगा नदी के रास्ते से 550 किलोमीटर की दूरी मात्र 84 घंटों में तय की और प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। इनकी इस अनोखी यात्रा की चर्चा पूरे देश में हो रही है।

महाकुंभ के जाम के बीच अनोखी यात्रा की शुरुआत

जहां एक ओर महाकुंभ में जाने के लिए श्रद्धालुओं को भारी जाम, ट्रेनों में भीड़, और गाड़ियों की लंबी कतारों का सामना करना पड़ रहा था, वहीं बक्सर के सात युवाओं ने नाव से यात्रा करने का साहसिक निर्णय लिया। 8 से 9 फरवरी के दौरान जब प्रयागराज जाने वाले सभी रास्ते जाम से भर गए थे और ट्रेनों की सीटें भी पहले से फुल थीं, तब इन युवाओं ने गंगा नदी के रास्ते महाकुंभ पहुंचने की योजना बनाई।

नाव से शुरू की यात्रा

युवाओं ने अपनी यात्रा की तैयारी शुरू की। उन्होंने एक मजबूत नाव खरीदी और उसे दो मोटरों से लैस किया ताकि अगर एक मोटर खराब हो जाए तो दूसरा काम कर सके। इसके साथ ही, पेट्रोल, राशन-पानी और अन्य जरूरी सामान साथ में लेकर 11 फरवरी को बक्सर से अपनी यात्रा शुरू की।

यात्रा में आई चुनौतियां

यात्रा के दौरान इन युवाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मोटर लगातार चलने से गर्म हो जाती थी, इसलिए हर 5-6 किलोमीटर पर उन्हें नाव को मैन्युअली चलाना पड़ता था। रात के समय, सभी युवक बारी-बारी से नाव चलाते थे। हालांकि, उन्होंने अपने हौंसले और टीम वर्क से हर मुश्किल का सामना किया।

प्रयागराज पहुंचने की खुशी

13 फरवरी की सुबह ये सातों युवक प्रयागराज के संगम पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई। इस यात्रा का मकसद सिर्फ धार्मिक था, लेकिन इस अनोखे सफर ने इन युवाओं को एक नया अनुभव भी दिया। यात्रा के बाद, वे उसी रास्ते से वापस लौटे और 16 फरवरी की रात 10 बजे तक बक्सर अपने घर वापस लौट आए।

महाकुंभ यात्रा में खर्च

इन युवाओं की पूरी यात्रा ₹20,000 में पूरी हुई। जिसमें पेट्रोल, प्लास्टिक कैन, राशन-पानी और अन्य जरूरी सामान शामिल थे। हालांकि, यात्रा के दौरान इन युवाओं को कोई बड़ी परेशानी नहीं हुई, लेकिन उनका कहना है कि यह यात्रा केवल प्रोफेशनल नाविकों के लिए सही है। बिना तैयारी और नाव चलाने के अनुभव के बिना इसे सामान्य लोग न अपनाएं, क्योंकि यह जोखिम भरा हो सकता है।

युवाओं की हिम्मत बनी चर्चा का विषय

बक्सर के इन सात युवाओं की यह यात्रा अब हर जगह चर्चा का विषय बन चुकी है। इस यात्रा ने न केवल महाकुंभ के लिए एक नई राह दिखाई, बल्कि यह युवाओं की हिम्मत और संघर्ष को भी उजागर किया। इन युवाओं ने यह साबित कर दिया कि जब इरादा मजबूत हो, तो कोई भी बाधा आपको आपकी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती।