बिहार के लोक नृत्यों में दिखती है पूरे बिहार की झलक : मेजर जनरल ए.एस. बजाज

  • Post By Admin on Dec 18 2024
बिहार के लोक नृत्यों में दिखती है पूरे बिहार की झलक : मेजर जनरल ए.एस. बजाज

पटना : संगीत, नृत्य और नाट्य की अद्भुत प्रस्तुति के साथ पटना के प्रेमचंद रंगशाला में तीन दिवसीय "उदय शंकर नृत्य महोत्सव" का समापन हुआ। सुरांगन और संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव में बिहार समेत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने नृत्य की विविध शैलियों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।  

समापन के अवसर पर एनसीसी पटना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल ए.एस. बजाज, प्रसिद्ध चिकित्सक पद्मश्री जितेंद्र सिंह और राष्ट्रीय फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मेजर जनरल बजाज ने कहा, "बिहार के लोक नृत्यों में संपूर्ण राज्य की संस्कृति की झलक मिलती है। नृत्य भावनाओं को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है।"

पद्मश्री जितेंद्र सिंह ने कला के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कला से मन और मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा, "स्वस्थ जीवन के लिए कला से जुड़े रहना आवश्यक है।" वहीं, विनोद अनुपम ने लोक नृत्य को सम्मान देने की बात कही और नई पीढ़ी को कला के माध्यम से जोड़ने पर जोर दिया।  

महोत्सव के अंतिम दिन कार्यक्रम की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति से हुई। लंदन के सृष्टि ग्रुप द्वारा "सेवेंस" की शानदार प्रस्तुति दी गई, जिसमें भरतनाट्यम और कथक का संयोजन लाइव संगीत के साथ प्रस्तुत किया गया। ब्रिटेन की प्रसिद्ध कोरियोग्राफर नीना राजरानी एमबीई के निर्देशन में सात नर्तकियों ने हिंदू विवाह संस्कार की कहानी को नृत्य के माध्यम से जीवंत किया।  

इसके बाद किलकारी, गया के बाल कलाकारों ने "शिव शंभू नृत्य" की प्रस्तुति दी, जिसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों को नृत्य के जरिए दिखाया गया। वहीं किलकारी, दरभंगा के बच्चों ने "जयतु भारतम् नृत्य" और "नटुआ नाच" प्रस्तुत किया। जयतु भारतम् ने वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को प्रकट किया, जबकि नटुआ नाच भिखारी ठाकुर के विदेसिया नाटक से प्रेरित था।  
किलकारी, पटना के बच्चों ने राहुल अधिकारी के निर्देशन में "लास्य नृत्य" प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति में माता पार्वती के नृत्य के माध्यम से भगवान शिव के क्रोध को शांत करने की कथा को जीवंत किया गया।  

कार्यक्रम में देश-विदेश के कलाकारों में शम्मी पिथिया, वाई यदावन, संध्या रमन, लू कोप, बी चार्ल्स और शंथमोष कन्नन ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। वहीं, बाल कलाकारों कृति, आरती, हर्ष, आयुष, सुमित, मनीष समेत कई अन्य बच्चों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।  

सुरांगन के सचिव और प्रसिद्ध नर्तक जितेंद्र कुमार चौरसिया ने कहा कि इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य नए कलाकारों को मंच देना और नृत्य के प्रति अभिरुचि जगाना है। उन्होंने कहा, "नृत्य के क्षेत्र में नए कलाकारों को प्रोत्साहन और मार्गदर्शन देना हमारी प्राथमिकता है।"

महोत्सव के दौरान सुरांगन की अध्यक्ष एवं लोकगायिका डॉ. नीतू कुमारी नूतन, भारतेंदु चौहान, विनय राज, सुदामा पांडेय, सत्यप्रकाश समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन किशोर केशव ने किया। तीन दिवसीय महोत्सव के समापन पर दर्शकों ने कलाकारों के प्रदर्शन को सराहा और ऐसे आयोजनों को आगे भी जारी रखने की मांग की।