बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश, राज्य की अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत
- Post By Admin on Feb 28 2025
.jpg)
पटना : बिहार विधानसभा में शुक्रवार को वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। यह बिहार का 19वां आर्थिक सर्वेक्षण है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति और विकास की दिशा को रेखांकित करता है। बजट सत्र के पहले दिन इसे सदन में प्रस्तुत किया गया, जहां वित्त मंत्री ने राज्य की अर्थव्यवस्था, वित्तीय प्रबंधन और विकास कार्यों पर विस्तार से चर्चा की।
राज्य की आर्थिक वृद्धि दर में सुधार
बिहार के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।
2023-24 में GSDP ₹8.54 लाख करोड़ (वर्तमान मूल्य पर) और ₹4.64 लाख करोड़ (स्थिर मूल्य पर) अनुमानित है।
GSDP में 14.5% (वर्तमान मूल्य पर) और 9.2% (स्थिर मूल्य पर) की वृद्धि दर्ज की गई।
प्रतिव्यक्ति आय ₹66,828 (वर्तमान मूल्य पर) और ₹36,333 (स्थिर मूल्य पर) पहुंची, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।
राजकोषीय घाटे में कमी, खर्चों में वृद्धि
राज्य सरकार के खर्चों में वृद्धि के बावजूद राजकोषीय घाटे में गिरावट आई है।
कुल सरकारी व्यय ₹2.52 लाख करोड़ से बढ़कर ₹2.79 लाख करोड़ होने का अनुमान।
विकास पर खर्च ₹1.69 लाख करोड़ से बढ़कर ₹1.77 लाख करोड़।
राजकोषीय घाटा ₹44,823 करोड़ (2022-23) से घटकर ₹29,095 करोड़ (2024-25) होने का अनुमान।
कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में सकारात्मक रुझान
धान उत्पादन में 21% और गेहूं उत्पादन में 10.7% की वृद्धि दर्ज की गई।
बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (SIPB) को ₹75,293.76 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले।
बुनियादी ढांचे और परिवहन क्षेत्र में सुधार
ग्रामीण सड़कों की लंबाई 835 किमी से बढ़कर 1.17 लाख किमी।
नए राष्ट्रीय राजमार्गों और द्रुतमार्गों के निर्माण से यातायात व्यवस्था में सुधार।
डिजिटल प्रशासन और ऊर्जा क्षेत्र में विकास
ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए सीसीटीएनएस, सीएफएमएस, साइबर सेल, ई-चालान जैसी योजनाएं लागू।
ऊर्जा खपत 134 किलोवाट-घंटे (2012-13) से बढ़कर 363 किलोवाट-घंटे (2023-24)।
तकनीकी और व्यावसायिक (AT&C) हानि 45% से घटकर 21.7%।
महिला सशक्तिकरण और वित्तीय क्षेत्र में प्रगति
राज्य में 1,063.5 हजार स्वयं सहायता समूह (SHG) गठित।
2,198.4 हजार SHG को ₹46.9 हजार करोड़ का ऋण प्रदान।
कुल जमा राशि ₹5.27 लाख करोड़, ऋण-जमा अनुपात 56.3%।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े निवेश
शिक्षा पर खर्च 10 गुना, स्वास्थ्य पर 13 गुना, और सामाजिक सेवाओं पर 13 गुना वृद्धि।
बाल कल्याण बजट में 19.4% वार्षिक वृद्धि।
पर्यावरण और जलवायु संरक्षण पर जोर
हरित बजट और जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयास।
बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के मुताबिक, राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे, कृषि, डिजिटल प्रशासन और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर अधिक जोर देने से बिहार की विकास दर में सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है।