भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में अरुणोदय पत्रिका का विमोचन

  • Post By Admin on Jan 24 2023
भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में अरुणोदय पत्रिका का विमोचन

मुजफ्फरपुर: भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय वंदना सभागार में सोमवार को "अरुणोदय पत्रिका" का विमोचन समारोह नकुल कुमार शर्मा (क्षेत्रीय सचिव, लोक शिक्षा समिति), डॉ. अनामिका कुमारी (डाइट प्राचार्य), डॉ. ललित कुमार राय (संपादक), मुख्य अतिथि निर्मला साहू (मुजफ्फरपुर मेयर), मुकेश नंदन (प्रान्त सचिव, लोक शिक्षा समिति मुजफ्फरपुर), महाविद्यालय के सचिव डॉ. ललित किशोर, अध्यक्ष प्रो. सत्यनारायण गुप्ता और प्रदेश मंत्री डॉ. सुबोध कुमार एवं लोक शिक्षा समिति की सदस्य डॉ. तारण राय के द्वारा हुआ।

पुस्तक विमोचन के पहले महाविद्यालय के वंदना सभागार में सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उनको याद किया गया। तत्पश्चात नकुल कुमार शर्मा ने संबोधन करते हुए कहा कि आजादी का मतलब जेल और फाँसी से ही नहीं होता है अपितु जीवन में आए नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलना भी आजादी है। इस नश्वर शरीर को तो फांसी दिया जा सकता है परंतु आत्मा जिंदा ही रहेगा। जैसे कि उड़ीसा में जन्मे सुभाष चंद्र बोस के गले पर जन्म से ही रस्सी का निशान था, उनकी क्या अच्छी बातें जीवन में हम ले सकते हैं, इस पर विचार करना चाहिए। वह देश की रक्षा के लिए अपनी जान देने के लिए हमेशा तत्पर रहे। उसी तरह हम सभी लोग साहित्य से भी सत्य की खोज कर सकते हैं। "सीताराम" एक ऐसा शब्द है जिसमें मातृशक्ति का बोध होता है मन के अंदर जो बातें हैं उसे आने दो लेकिन जो अच्छी बात है उसे शरीर के अंदर भी जाने दो। उनके अनुसार हार कर आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं होता है। जीवन में निरंतर लिखते रहने से जिंदगी एक सकारात्मक कहानी बनाती है। लिखना और पढ़ना हमलोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

डॉ. अनामिका ने कहा कि पढ़ने और लिखने की स्थिति अब समाप्त होती दिख रही है। सत्य इतना महत्वपूर्ण है कि वह संसार की हर समस्या का समाधान बन सकता है इसलिए हम लोगों को कम से कम एक घंटा अध्ययनरत होना चाहिए। यह अरुणोदय पत्रिका भारत के भविष्य को सही रास्ता दिखाने का मज़बूत प्रतीक है। संपादक ललित कुमार राय ने कहा कि यह पत्रिका विद्यालय स्तर तक ही नहीं, बल्कि उसे परिवार, समाज और उस आखिरी आदमी तक पहुँचना चाहिए ताकि हम सभी के पास एक  सुव्यवस्थित जीवन के प्रति आयाम हो। श्रीमती निर्मला साहू ने कहा कि जिस तरह वो मुजफ्फरपुर शहर को साफ और सुंदर बनाने के लिए संकल्पित है उसी तरह यह अरुणोदय पत्रिका भी मन को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए बेहतर पत्रिका है। इस पत्रिका में कविता, कहानी और चुटकुला आदि सब कुछ है जो हमारे मन मस्तिष्क को तरोताजा बनाने के लिए बेहतर है। यह  हम सभी लोगों के लिए सौभाग्य की बात है ।

लोक शिक्षा समिति प्रदेश सचिव मुकेश नंदन ने कहा कि हम लेख लिखकर बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं। इसमें सभी विद्यालयों की सहभागिता होनी चाहिए। उनमें विद्यार्थी और आचार्य सबकी जो रचना हो इस पत्रिका के माध्यम से प्रतिभाओं का पता चलना चाहिए। यह पूरे विश्व में पता लगना चाहिए ताकि हम लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आयाम बन कर शिक्षा का एक सुंदर रूप हम लोगों के सामने आए। इस पत्रिका के माध्यम से बिहार के विभिन्न पूजा स्थलों और मुख्य स्थानों को दर्शाया गया है ताकि जब इस पत्रिका को बच्चे पढ़ें तो अपने बिहार की स्थलों की जानकारी उनको मिले। इसमें जितनी भी कविता, कहानी या परिचर्चा है उसके लेखकों के फोटो भी इस पत्रिका में दर्शाया गया है ताकि प्रतिभा को पढ़ने वाले जान सकें, क्योंकि लेखनी हमारे व्यक्तित्व को भी प्रदर्शित करती है।

डॉ. तारण राय ने कहा कि सूर्य की रोशनी जहां नहीं पहुंच पाती है वहां लिखने की आवाज चली जाती है। इस पत्रिका की आवाज हर बच्चों को बननी चाहिए। इस पत्रिका को समाज के हर उस व्यक्ति तक पहुंचाना चाहिए ताकि बच्चे व बूढ़े सभी लोग इस पत्रिका को पढ़ें और प्रतिभा को पहचाने। महाविद्यालय के सचिव डॉ. ललित किशोर ने भी इस पत्रिका की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा यह पत्रिका आने वाले दिनों में विद्या भारती और बिहार के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस पत्रिका को बिहार के सभी विद्यालयों तक पहुंचाना चाहिए और इसमें लेखक के तौर पर बच्चे और शिक्षक दोनों को आना चाहिए ताकि उनके व्यक्तित्व का विकास हो सके।