त्याग और बलिदान का त्योहार बकरीद कल, संवेदनशील स्थानों पर रहेगी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति
- Post By Admin on Jun 16 2024
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लखीसराय : जिला मुख्यालय समेत तमाम अल्पसंख्यक बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों में त्याग और बलिदान का त्यौहार बकरीद कल पारंपरिक रीति रिवाज के साथ मनाया जाएगा। जिलहिज की दसवीं तारीख को यह त्योहार सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। बकरीद पर्व को लेकर जिला प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर व्यापक तैयारी की गई है।
जिलाधिकारी रजनीकांत एवं पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार द्वारा प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी एवं समाजसेवियों के साथ संयुक्त बैठक में शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाए जाने की अपील की गई है। जबकि लखीसराय जिले के विभिन्न पूर्व से चिन्हित संवेदनशील स्थानों पर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गईं है। जिला प्रशासन ने लोगों से कहा है कि बकरीद पर्व शांतिपूर्ण माहौल में मनाएं और एक-दूसरे का सहयोग करें। यह पर्व हमें भाईचारा, एकता और सांप्रदायिक सौहार्द की सीख देती है। अपने संयुक्त संबोधन में कहा कि पर्व के दौरान किसी भी प्रकार के अफवाह को फैलने से रोकें और अगर कहीं अफवाह फैलती है तो उस अफवाह का वहीं पर स्वयं खंडन करें। अगर ऐसा न हो तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें।
इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक बकरीद का त्योहार जिलहिज की दसवीं तारीख को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। ऐसे में जिलहिज अरबी कैलेंडर के अनुसार यह साल का अंतिम महीना है। इसी मुबारक महीने में इस्लाम धर्म के पांच बुनियादी स्तंभ में से एक हज अदा किया जाता है। हज की अदायगी के लिए पूरे विश्व से लाखों की संख्या में फरजनदान-ए-तौहिद शहर-ए-मक्का में जमा होकर हज के अरकान मुकम्मल करते हैं। उम्मत-ए-मोहम्मदिया खुदा के राह में जानवरों की कुबार्नी कर इब्राहिम अलैहि सलाह की सुन्नतों को ताजा करेंगे। जिलहिज का महीना त्याग और बलिदान के रूप में मनाया जाता है। इस महीने की दसवीं तारीख को ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की जाती है और इमान वाले जानवरों की कुबार्नी पेश करते हैं। कुबार्नी हजरत इब्राहिम अलैहि सलाह की सुन्नत है।
मुसलमानों का विश्वास है कि अल्लाह ने इब्राहिम की भक्ति की परीक्षा लेने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज की कुबार्नी मांगी। बकरीद को ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है। ईद-उल-अजहा के आगाज का चांद 10 जून को ही दिख गया था। इस तरह जिल हिज्जा माह की दसवीं तारीख को बकरीद मनाया जाएगा। बकरीद के दिन लोग बकरे की कुबार्नी देते हैं। पैगंबर हजरत इब्राहिम ने इस दिन अपने बेटे की कुबार्नी दी थी। जो आज इतिहास बनकर अनुकरणीय बन गई है।