सरयू तट : शैव, शाक्त, वैष्णव समेत 127 संप्रदाय व 13 अखाड़ों के संतों का होगा आगमन
- Post By Admin on Jan 09 2024
अयोध्या: इस साल 22 जनवरी को राम मंदिर में होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अयोध्या का किनारा पहली बार शैव, शाक्त, और वैष्णव संप्रदायों के महामिलन का दृश्य होगा। इस भव्य समारोह में 22 जनवरी को रामलला की प्रतिष्ठा के साक्षी बनने के लिए चार हजार से अधिक संत, महंत, श्रीमहंत और महामंडलेश्वर शामिल होंगे। यह समारोह अयोध्या में महाकुंभ और श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद हो रहा है, जिसमें 127 संप्रदाय और 13 अखाड़े एक साथ होंगे।
राममंदिर के लोकार्पण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारत के सभी मठ-मंदिरों को निमंत्रित किया गया है, और छोटी छावनी समेत तीन क्षेत्रों में साधु-संतों के ठहराव के लिए कमरे तैयार किए जा रहे हैं। इस अद्वितीय संगम में संतों को निमंत्रण भेजने की जिम्मेदारी अखिल भारतीय संत समिति ने लिया है, और संतों से यह सुनिश्चित करने का आदर्श है कि अयोध्या में एक साथ शैव, शाक्त, और वैष्णव समेत 127 संप्रदाय और 13 अखाड़ों के संत, महंत, श्रीमहंत और महामंडलेश्वर होंगे।
संगम समारोह में देशभर से 4000 संतों की भारी भागीदारी की जा रही है, और इसमें शामिल होने वाले संतों की संन्यासी अखाड़ा से: जूना, आवाहन, अग्नि, महानिर्वाणी, अटल, निरंजनी, आनंद, सिख अखाड़ा से: निर्मल पंचायती, बड़ा उदासीन, नया उदासीन, वैरागी अखाड़ा से: निर्वाणी, निर्मोही व दिगंबर शामिल होंगे।
निमंत्रण पत्र के साथ एक और सूचना दी गई है कि प्रत्येक निमंत्रण पर एक ही व्यक्ति को प्रवेश मिलेगा, और सुरक्षाकर्मी बाहर रहेंगे। संतों को अपना आधार कार्ड भी साथ रखना होगा। इस भव्य संगम समारोह में लोग हरियाणा की कई संत परंपराओं के संगम के भी साक्षी होंगे, जैसे कि महानिर्वाणी अखाड़ा, जूना, उदासीन अखाड़ा, सरस्वती योग तीर्थ, आर्य समाजी, नामधारी मुखी, और अन्य। मध्य प्रदेश के 121 साधु संतों को भी इस संगम में निमंत्रित किया गया है, जिसमें सीहोर के कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, रावतपुरा सरकार, पंडोखर सरकार, करुणाधाम के सुदेश शांडिल्य, और गुफा मंदिर के महंत चंद्रमादास शामिल हैं।