अखिल भारतीय जनवादी महिला फेडरेशन ने महिलाओं के अधिकारों और समानता पर की चर्चा

  • Post By Admin on Mar 08 2025
अखिल भारतीय जनवादी महिला फेडरेशन ने महिलाओं के अधिकारों और समानता पर की चर्चा

मुजफ्फरपुर : आज अखिल भारतीय जनवादी महिला फेडरेशन (AIFDW), बिहार समन्वय समिति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन कन्हौली विशुनदत्त के हरखू चौधरी टोला में किया गया। इस आयोजन में महिलाओं के अधिकारों, उनके साथ हो रहे अत्याचार और समाज में लैंगिक भेदभाव के खिलाफ सशक्त आवाज उठाई गई।

कार्यक्रम की शुरुआत शहीदगान “जो मेहनतकश इंसानों के वास्ते हूए कुर्बान” से की गई, जिसे आरती, गुंजन और राजू ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

अपने संबोधन में सुकेश्वरी देवी ने कहा कि आज के समय में बेटियों का शिक्षित होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि जब बेटियां शिक्षित होंगी तो समाज का भविष्य भी बेहतर होगा।

कार्यक्रम की संयोजक पूजा ने महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर कहा कि महिलाओं को इतिहास से लेकर आज तक कई बार अलग-थलग रखा गया है, बावजूद इसके महिलाओं ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, भेदभाव, उत्पीड़न, शोषण और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जन आंदोलन की आवश्यकता पर जोर दिया।

बिंदिया ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि आज कई लड़कियां अपनी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही हैं और हमें अपनी सही लड़ाई को पहचानते हुए इसे समाज में व्याप्त रूढ़ियों के खिलाफ लड़ा चाहिए।

पुष्पांजली ने सरकार के खोखले वादों की पोल खोलते हुए कहा कि आज भी बालात्कारियों को सजा दिलाने में सरकार नाकामयाब रही है और इस संदर्भ में कोलकाता के आर.जी. कर हॉस्पिटल में हुई घटना का उदाहरण दिया।

ग्रामीण इन्दू देवी ने लड़कियों की तस्करी के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और इस मुद्दे को गंभीर बताया। वहीं पूनम देवी ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार और सामाजिक अन्याय जैसे बलात्कार, दहेज हत्या, जबरन विवाह, बहुविवाह और बाल विवाह पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इसके लिए हमें जागरूकता अभियान के साथ-साथ निरंतर आंदोलन करने की जरूरत है।

कार्यक्रम के दौरान “विकल्प” की नवोदित इकाई के बाल कलाकारों ने “बेटी के जन्म पर सोहर” गाकर उपस्थित दर्शकों को लैंगिक भेदभाव के खिलाफ जागरूक किया। इसके बाद पूनम देवी ने “भईया हो भईया मजदूर भईया, बहिना गे बहिना मजदूर बहिना, कि मिलीके बदल द हिन्दुस्तान” गीत की प्रस्तुति देकर सभी को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम का संचालन पूजा ने किया। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता पूनम देवी ने की। इस आयोजन में साक्षी, कृति, रीतू, रिया, मनिषा, आरती, रणजीत, राजू कुमार, रूपा, शिवानी, निशा, राघणी, राजवीर, नितेश, गीता देवी, अंकित और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।