मराठा आरक्षण आंदोलन पर प्रशासन सख्त, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज
- Post By Admin on Sep 03 2025
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मुंबई : मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में हुए आंदोलन के बाद अब पुलिस ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। आंदोलन के दौरान अवैध जमावड़ा और कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप में मुंबई पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मरीन ड्राइव, एमआरए मार्ग, जेजे, कोलाबा और आजाद मैदान समेत कई थानों में अलग-अलग धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में तीन एफआईआर, एमआरए मार्ग में दो एफआईआर और अन्य थानों में भी अलग-अलग मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद की गई है। कोर्ट ने आंदोलन के दौरान उत्पन्न अव्यवस्था और ट्रैफिक जाम पर नाराजगी जताते हुए स्थिति सामान्य करने के आदेश दिए थे।
दरअसल, आंदोलन के दौरान मुंबई की कई सड़कों पर घंटों लंबा जाम लग गया था। जगह-जगह प्रदर्शनकारियों के बैठ जाने और गाड़ियों के फंसने से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन की ढिलाई पर सवाल उठाए थे।
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को सरकार से ज्यादातर मांगें स्वीकार कराए जाने के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया था। उन्होंने जल संसाधन मंत्री और मंत्रिमंडलीय उपसमिति अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटिल के हाथों नींबू पानी पीकर आमरण अनशन तोड़ा। इसके बाद बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मुंबई से अपने-अपने गांवों की ओर लौट गए।
बॉम्बे हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने आंदोलन पर सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था कि "सड़कों पर अब जज तक चल नहीं सकते। भीड़ को तुरंत हटाइए, वरना सख्त कार्रवाई होगी।" कोर्ट ने साफ निर्देश दिए थे कि सड़कों से जाम हटाकर आम जनता को राहत दी जाए और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई में कोई ढिलाई न बरती जाए।
इस बीच, मुंबई पुलिस ने चेतावनी दी है कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आंदोलन करने का अधिकार सबको है, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और आम लोगों की जिंदगी को बाधित करना किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जानकारों का कहना है कि अब जबकि आंदोलन का बड़ा हिस्सा शांत हो चुका है और ज्यादातर प्रदर्शनकारी वापस लौट गए हैं, पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए और कड़े कदम उठा सकती है। वहीं, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राजनीतिक सरगर्मी अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की सियासत और गरमा सकती है।