अदाणी पावर को बिहार में 2,400 मेगावाट थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए मिला लेटर ऑफ अवार्ड

  • Post By Admin on Aug 29 2025
अदाणी पावर को बिहार में 2,400 मेगावाट थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए मिला लेटर ऑफ अवार्ड

अहमदाबाद : अदाणी पावर लिमिटेड को बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीजीसीएल) से 25 साल की लंबी अवधि के लिए बिजली आपूर्ति के लिए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) मिला है। यह परियोजना भागलपुर जिले के पीरपैंती में स्थापित 2,400 मेगावाट (800 मेगावाट x 3) क्षमता वाले ग्रीनफील्ड अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट के लिए है।

अदाणी पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की थर्मल पावर उत्पादक कंपनी के रूप में, अदाणी पावर ने बड़े पैमाने पर विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करने की क्षमता का लगातार प्रदर्शन किया है। बिहार में हमारी आगामी पीरपैंती परियोजना परिचालन उत्कृष्टता और सस्टेनेबिलिटी के नए मानक स्थापित करेगी। यह राज्यवासियों को सस्ती और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराएगी, औद्योगीकरण को गति देगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।”

बीएसपीजीसीएल ने राज्य की दो वितरण कंपनियों—नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल)—की ओर से अदाणी पावर को एलओए प्रदान किया है। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच पावर सप्लाई एग्रीमेंट (पीएसए) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

ख्यालिया ने आगे कहा, “इस प्रकार की परियोजनाओं के माध्यम से, अदाणी पावर भारत के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

अदाणी पावर ने बीएसपीजीसीएल की टैरिफ-आधारित बोली प्रक्रिया में 6.075 रुपए प्रति किलोवाट-घंटा की सबसे कम कीमत की पेशकश करके इस परियोजना के लिए चयनित होकर विजेता के रूप में उभरी। कंपनी इस परियोजना और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर में 3 अरब डॉलर का निवेश करेगी।

कंपनी के अनुसार, निर्माण चरण के दौरान यह परियोजना 10,000-12,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी और संचालन शुरू होने पर लगभग 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में बिजली की मांग अगले दशक में तेजी से बढ़ेगी। तेज़ औद्योगीकरण, शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या के कारण देश की अधिकतम मांग वर्तमान 250 गीगावाट से बढ़कर 2031-32 तक 400 गीगावाट और 2047 तक 700 गीगावाट से अधिक होने की संभावना है। थर्मल पावर अपनी विश्वसनीयता और चौबीसों घंटे बिजली देने की क्षमता के कारण ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ बनी रहेगी और ग्रिड बैलेंसिंग में महत्वपूर्ण योगदान करेगी।

सरकार ने भी 2035 तक अतिरिक्त 100 गीगावाट थर्मल क्षमता जोड़ने की योजना बनाई है ताकि लगातार बढ़ती बिजली की मांग को पूरा किया जा सके। अदाणी पावर के पास वर्तमान में 12 पावर प्लांट में 18,110 मेगावाट की इंस्टॉल्ड थर्मल पावर क्षमता मौजूद है।