बागों में गूंज रही कोयल की कूक, आम और लीची के मंजर का ऐसे करें बचाव

  • Post By Admin on Mar 08 2023
बागों में गूंज रही कोयल की कूक, आम और लीची के मंजर का ऐसे करें बचाव

बेगूसराय: हर ओर छाए बसंत के उमंग में पूरा वातावरण झूम रहा है। बाग बगीचे में कोयल की कूक गूंज रही है। आम और लीची के पेड़ में लद चुके मंजर की खूशबू से बगीचा सराबोर है। मंजर देखकर उत्पादक किसानों के चेहरे खिल उठे हैं।

बिहार में मुजफ्फरपुर के बाद लीची उत्पादन के लिए चर्चित बेगूसराय के बजलपुरा इलाका सहित पूरे बेगूसराय में बड़े पैमाने पर लीची के साथ आम की भी खेती होती है। अभी आम-लीची का सीजन आ चुका है और पेड़ मंजर से लद चुके हैं। किसानों ने उसकी समुचित देखभाल शुरू कर दी है। नियमित रूप से पटवन के साथ कीटनाशक सहित सभी आवश्यक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। इस बीच डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर (बेगूसराय) द्वारा आम और लीची उत्पादक किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राम पाल ने बताया कि आम और लीची में मंजर आ चुका है। जिन किसानों ने अभी किसी दवा का ने बताया कि काफी हद तक मंजर निकल चुका है। जिन किसानों ने अभी किसी दवा का छिड़काव नहीं किया है। वे अविलंब कीटनाशक का एक छिड़काव करें, लेकिन ध्यान रखें कि यदि फूल खुल गया हो तो किसी दवा का छिड़काव नहीं करें। नीम आधारित कीटनाशक पांच मिलीलीटर को प्रति लीटर या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल 0.5 मिलीलीटर को प्रति लीटर की दर से पानी में घोलकर छिड़काव करें। भुनगा कीट एवं दहिया रोग से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल 0.5 मिली तथा घुलनशील गंधक दो ग्राम प्रति लीटर या कैराथेन एक मिलीलीटर को प्रति लीटर या कलेक्सीन एक मिलीलीटर को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। जब फल मटर दाने की अवस्था में हो तो गिरने से रोकने के लिए प्लानोफिक्स एक मिलीलीटर दवा 4.5 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। इसी समय से आम में सिंचाई शुरू करें, तना से 1.5 मीटर की दूरी पर 20-25 सेंटीमीटर चौड़ी नाली थाला बनाकर 10-15 दिनों पर टआवश्यकतानुसार दो-तीन सिंचाई करें। यदि भूनगा कीट का प्रकोप दिखाई दे तो उपयुक्त दवा का उपयोग करें।

इस अवस्था में सुक्ष्म पोषक तत्व मल्टीप्लेक्स का छिड़काव दो मिलीलीटर प्रति लीटर की दर से लाभदायक है। बगीचे में फल मक्खी की समस्या से बचाव के लिए 0.1 प्रतिशत मिठाई यूजिनॉल एवं 0.1 परतिऊ मेलाथियान के घोल का फेरोमेन ट्रैप लगाना चाहिए। फल को सड़ने से बचाने के लिए कार्बेडाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी एक ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें। डॉ. राम पाल ने कहा कि ध्यान रखें हर छिड़काव में एक स्टीकर या गोंद 0.6 मिलीलीटर अवश्य उपयोग करें, इससे दवा काफी कारगर हो जाती है। फल को फटने से बचाने के लिए दो ग्राम बोरेक्स प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।