नए साल में आलू फार्म से 22 बंधुआ मजदूरों की घर वापसी
- Post By Admin on Jan 02 2025

सीतामढ़ी : नव वर्ष 2024 की शुरुआत में एक बड़ी राहत की खबर आई है। पंजाब के कपूरथला जिले के एक आलू फार्म से 22 सीतामढ़ी के बंधुआ मजदूरों की मुक्ति हो गई। इन मजदूरों को, जो कि बांग्लादेश और नेपाल के भी थे, लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में काम करने के बाद घर वापस भेजा गया। इस महत्वपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन में सीतामढ़ी पुलिस, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) और पंजाब पुलिस का अहम सहयोग था। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के निर्देश पर इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
कपूरथला के आलू फार्म में बंधुआ मजदूरी का काला कारोबार
रेस्क्यू किए गए 30 मजदूरों में 22 मजदूर सीतामढ़ी जिले के हैं। जबकि बाकी 8 मजदूर नेपाल से हैं। ये मजदूर पंजाब के कपूरथला जिले के सिधमा गांव स्थित एक आलू फार्म में बंधुआ मजदूरी के शिकार बने हुए थे। इन मजदूरों को चार महीने पहले सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के कचहरी पुर और सुरसंड प्रखंड के मेघपुर गांव से लाया गया था। जहां उन्हें बेहतर मजदूरी का वादा किया गया था। लेकिन जब ये मजदूर आलू फार्म पहुंचे, तो उन्हें वहां लंबे-लंबे घंटों तक काम कराया जाता था और उन्हें घर वापसी की अनुमति नहीं दी जाती थी। ना तो इन मजदूरों को मजदूरी मिलती थी और न ही घर वापस जाने की इजाजत दी जाती थी। इसके साथ ही, घर वापसी की मांग करने पर उन्हें अमानवीय तरीके से पीटा जाता था।
बचपन बचाओ आंदोलन और सीतामढ़ी पुलिस का संयुक्त प्रयास
जब इन मजदूरों की दर्दनाक स्थिति की जानकारी सामने आई, तो एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) की टीम ने उनके परिवारों से संपर्क किया और सीतामढ़ी पुलिस से मदद की अपील की। इसके बाद सीतामढ़ी के डीएम रिची पांडेय और डीएसपी मो नजीब अनवर के नेतृत्व में एक टीम पंजाब के कपूरथला पहुंची। जिसमें महिला थाना की बाल कल्याण पुलिस अधिकारी रश्मि कुमारी भी शामिल थीं। एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के वरिष्ठ केंद्रीय निदेशक मनीष शर्मा और बिहार टीम के सदस्य मुकुंद कुमार चौधरी ने भी इस मामले पर त्वरित कार्यवाही की और मजदूरों को मुक्त करने के लिए कदम उठाए।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की भूमिका
मामला संज्ञान में आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस पर त्वरित कार्यवाही की और पंजाब पुलिस से बच्चों को जल्दी से जल्दी मुक्त करने की मांग की। आयोग के हस्तक्षेप के बाद ही, पंजाब पुलिस और सीतामढ़ी पुलिस ने संयुक्त रूप से एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। जिसमें 11 नाबालिग और 19 वयस्क मजदूरों को मुक्त किया गया।
रेस्क्यू के बाद मजदूरों का घर लौटना
रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत कुल 30 मजदूरों को मुक्त किया गया। इनमें 22 मजदूर सीतामढ़ी जिले के थे और 8 नेपाल के थे। सभी मजदूरों को सुरक्षित रूप से उनके घर वापस भेजा गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद, मजदूरों के परिवारों में खुशी का माहौल था। उनकी घर वापसी को लेकर सीतामढ़ी पुलिस और एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के सदस्य पूरी तरह से आश्वस्त थे।
आगे की कार्यवाही और उम्मीदें
पंजाब के कपूरथला जिले के आलू फार्म में बंधुआ मजदूरी के इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और दोषी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है। इस मामले में बिगन राय और जिनिश राय नामक आरोपियों के खिलाफ भिट्ठा थाना और महिला थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। इन आरोपियों ने मजदूरों को धोखे से पंजाब लाया और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया।
इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन से यह साबित हुआ है कि सही सहयोग और त्वरित कार्यवाही से बंधुआ मजदूरी जैसे काले धंधे को खत्म किया जा सकता है और मजदूरों को उनका अधिकार वापस दिलाया जा सकता है।