INDIA में बढ़ता तनाव, ममता, उमर और अखिलेश के तेवरों से कांग्रेस पर दबाव

  • Post By Admin on Jan 01 2025
INDIA में बढ़ता तनाव, ममता, उमर और अखिलेश के तेवरों से कांग्रेस पर दबाव

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने विपक्ष को नई ऊर्जा दी थी। भाजपा को 240 सीटों पर सिमटना पड़ा और कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर विपक्ष में अपनी मजबूत स्थिति दर्ज की। लेकिन कुछ ही महीनों में विपक्षी गठबंधन INDIA में मतभेद गहराने लगे हैं। ममता बनर्जी, उमर अब्दुल्ला और अखिलेश यादव के तेवरों ने कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है।

महाराष्ट्र और कश्मीर के नतीजों से बढ़ी दरार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति ने सत्ता में वापसी की, जिससे INDIA को बड़ा झटका लगा। वहीं, जम्मू-कश्मीर में गठबंधन ने जीत हासिल की लेकिन कांग्रेस वहां बेहद कमजोर रही। इस जीत के बाद उमर अब्दुल्ला की भाषा में आए बदलाव ने कांग्रेस को असहज कर दिया। कांग्रेस ने उमर पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी भाषा बदल गई है।

ईवीएम पर सवाल और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद ईवीएम पर सवाल उठाए, लेकिन उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी और सुप्रिया सुले ने इसे खारिज कर दिया। इन नेताओं का कहना था कि बिना ठोस सबूत के ईवीएम को दोष देना उचित नहीं। कांग्रेस ने इसे अपनी आलोचना के रूप में देखा और INDIA में यह विवाद और गहराता गया।

अखिलेश यादव और ममता बनर्जी की रणनीति

अखिलेश यादव ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मंच पर जाकर कांग्रेस से दूरी बनाए रखी। यूपी में कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने के बावजूद उनका यह कदम कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है। उधर, ममता बनर्जी ने कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए खुद को INDIA का नेता बनाए जाने की मांग की। शरद पवार और लालू यादव ने भी ममता का समर्थन किया, जिससे कांग्रेस के लिए स्थिति और जटिल हो गई।

गठबंधन की मीटिंग पर सवाल

4 जून के बाद से INDIA की कोई बड़ी बैठक नहीं हुई है। चुनाव से पहले लगातार बैठकें होती थीं, लेकिन अब समन्वय की कमी साफ दिखाई दे रही है।

क्या 2025 तक टूट जाएगा INDI अलायंस?

आगामी लोकसभा चुनावों से पहले INDIA में मतभेद और बढ़ सकते हैं। ममता, उमर और अखिलेश के अलग-अलग रुख ने कांग्रेस को दबाव में डाल दिया है। अगर यह तनाव बरकरार रहा, तो गठबंधन की एकता और भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है।