अमेरिकी टैरिफ पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया, विदेश मंत्रालय ने कहा— राष्ट्र हित के लिए उठाएंगे आवश्यक कदम

  • Post By Admin on Aug 06 2025
अमेरिकी टैरिफ पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया, विदेश मंत्रालय ने कहा— राष्ट्र हित के लिए उठाएंगे आवश्यक कदम

नई दिल्ली : अमेरिका द्वारा भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के फैसले को लेकर भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस कदम को "दुर्भाग्यपूर्ण, अनुचित और अविवेकपूर्ण" करार देते हुए स्पष्ट किया है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।

रणधीर जायसवाल ने बुधवार को जारी बयान में कहा, "अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाए जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उन कार्यों पर प्रतिबंध लगाने जैसा है, जिन्हें कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर कर रहे हैं। भारत के ऊर्जा आयात बाज़ार आधारित हैं और इनका उद्देश्य 1.4 अरब नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।"

प्रवक्ता ने दोहराया कि भारत पहले ही रूस से तेल आयात के मुद्दे पर अपना पक्ष अमेरिका के समक्ष स्पष्ट कर चुका है, जिसमें यह रेखांकित किया गया है कि भारत वैश्विक ऊर्जा बाजारों और अपने लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर निर्णय लेता है।

अमेरिका का रुख सख्त, रूस से तेल खरीद है वजह

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश जारी किया। व्हाइट हाउस ने यह स्पष्ट किया कि यह फैसला रूस से भारत के तेल आयात को लेकर लिया गया है। अमेरिका का तर्क है कि रूस से हो रहे व्यापार से यूक्रेन युद्ध के दौरान लगाए गए प्रतिबंध कमजोर पड़ रहे हैं, जिसे रोकने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है।

नए टैरिफ आदेश के अनुसार, भारत से अमेरिका में भेजे जाने वाले उत्पादों पर यह शुल्क लागू किया जाएगा और यह आदेश जारी होने के 21 दिन बाद प्रभाव में आएगा। यह शुल्क पहले से लागू अन्य टैरिफ के अतिरिक्त होगा, जब तक कि वस्तुएं किसी विशिष्ट श्रेणी की छूट के अंतर्गत न आती हों।

कूटनीतिक तनाव की आहट

अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में आई यह तल्खी भविष्य में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि भारत ने फिलहाल अपने रुख में संतुलन बनाए रखते हुए यह संकेत जरूर दिया है कि यदि अमेरिका अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करता, तो भारत भी जवाबी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।