वक्फ बिल पर बवाल, बीजेपी टीएमसी नेता आपस में भिड़े, कल्याण बनर्जी हुए घायल

  • Post By Admin on Oct 22 2024
वक्फ बिल पर बवाल, बीजेपी टीएमसी नेता आपस में भिड़े, कल्याण बनर्जी हुए घायल

नई दिल्ली : वक्फ बिल पर हुई संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर से सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा नेता अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच तीखी बहस के बाद बैठक में हंगामा मच गया। इसी दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पानी की बोतल मेज पर पटकी और फिर जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल की ओर उछाल दी। इस घटनाक्रम में कल्याण बनर्जी की उंगलियों में भी चोट लग गी। 

यह घटना तब हुई जब वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों की भूमिका पर सवाल उठाए। बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे थे। इस चर्चा के दौरान कल्याण बनर्जी और भाजपा नेता अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच जमकर तकरार हुई, जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई।

जानकारी के मुताबिक, वहां पर मौजूद लोगों ने बताया कि बनर्जी ने गुस्से में पानी की कांच की बोतल उठाई और उसे जोर से मेज पर मार दिया, जिसके कारण उनके अंगूठे और तर्जनी उंगली पर चोट लगी। इस घटना के बाद एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी और आप के नेता संजय सिंह ने उन्हें बैठक से बाहर निकालकर प्राथमिक चिकित्सा के लिए ले गए।

सोमवार को भी वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर आयोजित संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में तीखी बहस देखने को मिली। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक पर परामर्श प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए, जबकि भाजपा सांसदों ने विधेयक का बचाव किया। विपक्ष के कुछ सदस्यों ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह विधेयक राजनीतिक कारणों से लाया जा रहा है और मुस्लिम समुदाय को लक्षित करने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसके साथ ही विधेयक को लाने की जल्दीबाजी पर भी सवाल खड़े किए गए।

उल्लेखनीय है कि इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना है, जिसमें डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जा की गई संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र को मजबूत करना शामिल है। वक्फ संयुक्त संसदीय समिति अब तक 15 बैठकें दिल्ली में कर चुकी है, जबकि अन्य 5 बैठकें देश के विभिन्न शहरों में आयोजित की गई हैं। इन बैठकों के माध्यम से सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समुदाय प्रतिनिधियों की राय ली जा रही है।