नाथू ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा बनी श्रद्धा और व्यवस्था का आदर्श संगम, तीर्थयात्रियों ने की सराहना
- Post By Admin on Jul 14 2025

गंगटोक : सिक्किम के नाथू ला मार्ग से इस वर्ष आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा श्रद्धा, संकल्प और सुव्यवस्थित व्यवस्थाओं का बेहतरीन उदाहरण बनकर सामने आई है। तीर्थयात्रियों ने जहां इस यात्रा को आध्यात्मिक रूप से अत्यंत समृद्ध बताया, वहीं यात्रा के प्रबंधन और सुविधाओं की सराहना करते हुए इसे अब तक का सबसे सुगम और दिव्य अनुभव बताया।
सिक्किम पर्यटन विकास निगम (STDC) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र छेत्री ने बताया कि यात्रा के आयोजन में किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरती गई है। अब तक चार जत्थे कैलाश के दर्शन कर चुके हैं और पांचवां जत्था तिब्बत में प्रवेश की तैयारी में है। उन्होंने कहा, “तीर्थयात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया इस बात का प्रमाण है कि यात्रा व्यवस्थाएं बेहद प्रभावशाली रही हैं। स्वच्छता, भोजन, आवास और स्वास्थ्य सुविधा सभी मोर्चों पर संतोषजनक प्रबंध किए गए हैं।”
प्रत्येक जत्थे में 45–48 यात्री हैं और इनके साथ विदेश मंत्रालय के दो संपर्क अधिकारी भी तैनात किए जाते हैं। अंतिम जत्था 7 अगस्त को रवाना होगा और 24 अगस्त तक सभी यात्रियों के भारत लौटने की संभावना है।
तीर्थयात्रियों ने साझा किए आध्यात्मिक अनुभव
पुणे से आए रवि वर्मा ने यात्रा को जीवन का चमत्कारी और प्रेरणादायक अनुभव बताया। उन्होंने कहा, “यमद्वार, डेराफुक और डोलमा दर्रा जैसी कठिन जगहों को पार करना आसान नहीं था, लेकिन सभी व्यवस्थाएं इतनी अच्छी थीं कि मुझे कहीं कोई असुविधा महसूस नहीं हुई। कम ऑक्सीजन में भी यात्रा सुगम रही। गौरीकुंड से जल लेना मेरे लिए एक अविस्मरणीय क्षण था।”
भोपाल के देवेंद्र तिवारी ने तीर्थयात्रियों के अनुशासन और सरकारी समन्वय की तारीफ करते हुए कहा, “बारिश हो या बादल, हमारी श्रद्धा में कोई बाधा नहीं आई। दर्शन और पूजा शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए। यह एक सौभाग्य का क्षण था।”
महिला तीर्थयात्री की जुबानी – “यह सिर्फ यात्रा नहीं, दिव्य अनुभूति थी”
एक महिला तीर्थयात्री ने कहा, “यह यात्रा केवल शारीरिक रूप से नहीं, बल्कि आत्मिक रूप से भी एक गहन अनुभव थी। शिव की भूमि के दर्शन करते समय जो अनुभूति हुई, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। हमने योगी आदित्यनाथ जी से आशीर्वाद भी प्राप्त किया, जिससे यात्रा का प्रारंभ बेहद विशेष बन गया।”
उन्होंने भारतीय और चीनी अधिकारियों के तालमेल, सीमा सुरक्षा बलों और पर्दे के पीछे काम करने वाले सभी कर्मियों के प्रति आभार जताया।
2019 से बेहतर, सहयोगपूर्ण रहा चीनी प्रशासन
राजेंद्र छेत्री के अनुसार, इस बार न केवल भारतीय पक्ष की ओर से, बल्कि चीनी अधिकारियों द्वारा भी काफी सहयोग मिला है। उन्होंने गर्मजोशी से तीर्थयात्रियों का स्वागत किया और यात्रियों की सुविधा के लिए समुचित इंतज़ाम किए।
उत्कृष्ट व्यवस्थाओं से प्रेरणादायक बनी यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा का यह संस्करण न केवल धार्मिक आस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि प्रशासनिक समन्वय, सुविधाओं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के मामले में भी मिसाल बन गया है।