तेजस्वी यादव की धमकी से कोई डरने वाला नहीं, जनता करेगी हिसाब : विजय कुमार सिन्हा
- Post By Admin on Jun 23 2024

लखीसराय : दो दिवसीय दौरे पर लखीसराय पहुंचे सूबे के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने रविवार को स्थानीय बीजेपी प्रधान कार्यालय में आयोजित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद करते हुए उनके तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित किया और दीप प्रज्जवलित किया।
इस दौरान स्थानीय पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जनता को बहकाने का काम कर रहे हैं। अगर नीट मामले में उनके पास कोई भी सबूत हो तो वह सबके सामने पेश करें। अगर तेजस्वी यादव में हिम्मत है तो जो भी फोटो और वीडियो कि वह बात कर रहे हैं, उन्हें सार्वजनिक करें।
सूबे के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को उनके संवैधानिक पद पर बने रहने की दुहाई देते हुए 24 घंटे के अंदर साक्ष्य उपलब्ध कराने की खुली चुनौती दी है। अपने विधानसभा क्षेत्र लखीसराय पहुंचे श्री सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी अपने पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए धमकी के भाषा का इस्तेमाल न करें। आप मत भूलिए कि आप एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए है। आपके इस गीदड़ भभकी से कोई डरने वाला नहीं है। आखिर आप किस तरह की हिसाब किताब की बात कर रहे हैं। यह सही है कि आपकी पार्टी की डराने धमकाने की ही पहचान रही है। आप इससे निकलने का प्रयास भी नहीं कर रहे हैं। जनता तो लोकसभा के बाद विधानसभा में भी हिसाब किताब पूरी करने को तैयार है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रशासन को फिर सत्ता में आने के धमकी न दें। यह आपके माता-पिता की सरकार नहीं है। यहां न्याय के साथ विकास का राज है। जहां न किसी को बचाया जाता है न ही फंसाया जाता है। आपकी दबंगई, गुंडागर्दी, धमकी से आम जनता अब डरने वाली नहीं है। यह फोटो वीडियो की धमकी देना बंद करें। लोगों के बीच उन्माद पैदा करने की इस मानसिकता के साथ फोटो और वीडियो के साक्ष्य के आधार पर ब्लैकमेलर की भूमिका निभाकर डराने और धमकाने का काम न करें। ऐसी भाषा आपराधिक मानसिकता का सूचक है। आपको खुली चुनौती है कि 24 घंटे के भीतर ऐसा कोई साक्ष्य है तो उसे सार्वजनिक करें। अन्यथा लोगों के बीच भ्रम फैलाने और बिहार को शर्मसार करने का खेल बंद करें। ऐसे खुली धमकी वाली भाषा को जनता स्वीकार नहीं करेगी, इसका खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहें।