जयराम महतो के सहयोगी छोड़ रहे पार्टी, रिजवान क्रांतिकारी ने थामा जेएमएम का हाथ
- Post By Admin on Nov 01 2024

रांची : झारखंड की राजनीति में इस समय हलचल मची हुई है, क्योंकि जयराम महतो के करीबी सहयोगी एक-एक कर उनकी पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। हाल ही में अकील अख्तर उर्फ रिजवान क्रांतिकारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल होकर राजनीतिक भूचाल ला दिया है।
झामुमो में क्यों शामिल हुए रिजवान क्रांतिकारी?
रिजवान क्रांतिकारी का झारखंड की राजनीति में सक्रियता और जयराम महतो के साथ वर्षों पुराना साथ रहा है। हालांकि, अब उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामकर हेमंत सोरेन का समर्थन जताया है। उनके इस कदम को कई लोग जयराम महतो की पार्टी के कमजोर होने के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
जयराम महतो के लिए क्या है इसका मतलब?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जयराम महतो के सहयोगियों का लगातार पार्टी छोड़ना उनके लिए एक बड़ी चुनौती है। उनके करीबी साथियों का जाना उनके संगठन की पकड़ को कमजोर कर सकता है। इससे पहले भी कई प्रमुख लोग पार्टी से दूर हो चुके हैं, जिससे उनके लिए अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत रखना कठिन हो रहा है।
हेमंत सोरेन के लिए बड़ा समर्थन
रिजवान क्रांतिकारी के झामुमो में शामिल होने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजनीतिक रूप से और बल मिलेगा। राज्य में उनकी पार्टी का विस्तार और उनके नेतृत्व में विश्वास जताने वाले नेताओं की संख्या बढ़ रही है, जिससे आगामी चुनावों में झामुमो को बढ़त मिल सकती है।