चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के धांधली के आरोपों को किया खारिज, चर्चा के लिए किया आमंत्रित

  • Post By Admin on Jun 25 2025
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के धांधली के आरोपों को किया खारिज, चर्चा के लिए किया आमंत्रित

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कथित "मैच फिक्सिंग" के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। आयोग ने इस मुद्दे पर पारदर्शी चर्चा के लिए राहुल गांधी को आमंत्रित भी किया है।

आयोग ने 12 जून को भेजे एक ईमेल में राहुल गांधी से कहा कि यदि उनके पास कोई ठोस शिकायत या तथ्यों पर आधारित मुद्दे हैं, तो वह आयोग को लिखित रूप में अवगत करा सकते हैं। आयोग ने उन्हें परस्पर सुविधाजनक तारीख और समय पर व्यक्तिगत बैठक के लिए आमंत्रित किया है।

इस ईमेल में चुनाव आयोग ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित राहुल गांधी के लेख का जवाब भी दिया है, जिसमें उन्होंने 2024 के महाराष्ट्र चुनाव को “लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट” बताते हुए गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने अपने लेख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए दावा किया कि चुनाव “चोरी” किए गए और यह सिलसिला अब बिहार में भी दोहराया जा सकता है।

राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया को पांच चरणों में समझाते हुए इसे “मैच फिक्सिंग” करार दिया और चुनावी पारदर्शिता को लेकर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने आयोग से देशभर के लोकसभा और विधानसभा चुनावों की डिजिटल व मशीन-पठनीय मतदाता सूची सार्वजनिक करने की मांग की थी। साथ ही, उन्होंने महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों से शाम 5 बजे के बाद की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की थी।

चुनाव आयोग ने इन मांगों को खारिज करते हुए कहा कि सीसीटीवी फुटेज केवल आंतरिक निगरानी के लिए होती है और इसे सिर्फ अदालत के आदेश पर ही साझा किया जा सकता है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस फुटेज को सार्वजनिक करने से मतदाताओं की गोपनीयता और सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

आयोग ने जोर देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव प्रक्रिया संसद द्वारा पारित कानूनों के अनुसार पूरी पारदर्शिता और कठोर निगरानी में संपन्न हुई है। सभी प्रक्रियाएं विकेंद्रीकृत रूप से विधानसभा क्षेत्र स्तर पर संचालित की जाती हैं, जिनमें हजारों कर्मचारी और राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ एजेंट शामिल रहते हैं।

अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी इस आमंत्रण को स्वीकार करते हैं या नहीं, लेकिन एक बात साफ है कि चुनाव आयोग सार्वजनिक मंच पर लगाए जा रहे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सीधे संवाद के रास्ते को खोलने के पक्ष में है।