वर्ल्ड रेबीज डे 2024 : कुत्तों के अलावा ये 10 जानवर भी फैला सकते हैं रेबीज
- Post By Admin on Sep 28 2024

रेबीज एक खतरनाक और घातक बीमारी है, जो मुख्य रूप से वायरस के जरिए फैलती है। इस बीमारी के संक्रमण से व्यक्ति का मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम गंभीर रूप से प्रभावित होता है, जिससे मृत्यु तक हो सकती है। आमतौर पर, यह माना जाता है कि रेबीज सिर्फ कुत्तों के काटने से होता है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुत्तों के अलावा भी कई जानवर हैं, जो रेबीज वायरस का प्रसार कर सकते हैं। वर्ल्ड रेबीज डे के मौके पर हम आपको ऐसे 10 जानवरों के बारे में बताएंगे, जो इस वायरस को फैलाने में सक्षम हैं।
वर्ल्ड रेबीज डे : उद्देश्य और इतिहास
हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करना है। यह दिन खासतौर से लुईस पास्चर के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने रेबीज की पहली वैक्सीन बनाई थी। उनका निधन भी इसी दिन हुआ था, इसलिए इस तारीख को चुना गया। इस दिन के माध्यम से, रेबीज की रोकथाम और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न प्रकार के अभियान चलाए जाते हैं।
रेबीज कैसे फैलता है?
रेबीज संक्रमित जानवरों के काटने या उनकी लार के शरीर में प्रवेश करने से फैल सकता है। आमतौर पर लोग यही सोचते हैं कि यह बीमारी केवल कुत्तों के काटने से फैलती है, लेकिन कई और जानवर भी इस बीमारी के वाहक हो सकते हैं।
कौन-कौन से जानवर फैला सकते हैं रेबीज?
1. कुत्ते : अधिकांश रेबीज के मामलों में, कुत्तों को ही मुख्य स्रोत माना जाता है। खासकर, जिन कुत्तों को वैक्सीन नहीं लगी होती, उनके काटने से रेबीज होने का खतरा ज्यादा रहता है। आवारा कुत्ते इसके प्रसार के लिए अधिक जिम्मेदार होते हैं, लेकिन अगर पालतू कुत्ते को भी वैक्सीन नहीं लगी हो, तो वह भी इसे फैला सकता है।
2. बिल्ली : बहुत से लोगों को इस बात का ज्ञान नहीं होता, लेकिन बिल्लियों के काटने से भी रेबीज का संक्रमण हो सकता है।
3. चमगादड़ : रेबीज वायरस का एक और बड़ा स्रोत चमगादड़ हैं। इनके काटने या खरोंच से यह बीमारी फैल सकती है।
4. रकून : मासूम दिखने वाले रकून भी रेबीज वायरस के वाहक होते हैं, और इनके काटने से भी संक्रमण हो सकता है।
5. चूहा : चूहे भी रेबीज वायरस फैला सकते हैं। हालांकि, इस मामले में सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि चूहे के काटने से रेबीज होने का खतरा हो सकता है।
6. गिलहरी : खूबसूरत दिखने वाली गिलहरियां भी इस वायरस से संक्रमित हो सकती हैं, और इनके काटने से रेबीज का संक्रमण हो सकता है।
7. खरगोश : यह काफी दुर्लभ है, लेकिन कुछ मामलों में खरगोश के काटने से भी रेबीज फैल सकता है।
8. स्कंक : यह बदबूदार जीव भी रेबीज वायरस फैला सकता है और इसके काटने से इस बीमारी का खतरा रहता है।
9. बंदर : बंदर भी रेबीज वायरस का प्रसार करने में सक्षम होते हैं, और इनके काटने या खरोंच से संक्रमण हो सकता है।
10. लोमड़ी : लोमड़ी के काटने से भी रेबीज फैल सकता है, क्योंकि वे भी इस वायरस के वाहक होते हैं।
11. सियार : सियार भी रेबीज वायरस फैलाने वाले प्रमुख जानवरों में से एक हैं।
रेबीज के लक्षण
रेबीज के लक्षण आमतौर पर तब नजर आते हैं जब वायरस मस्तिष्क तक पहुंच जाता है। संक्रमण के लक्षण नजर आने में कुछ घंटों से लेकर कई वर्षों तक का समय लग सकता है। एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद, यह बीमारी तेजी से बढ़ती है और स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं बुखार, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और दस्त, भ्रम और असामान्य व्यवहार, आक्रामकता, गले में खराश, पानी का डर।
रोकथाम और सावधानियां
रेबीज से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम वैक्सीन है। कुत्तों और बिल्लियों को नियमित रूप से रेबीज वैक्सीन लगवाना और यदि किसी संदिग्ध जानवर के संपर्क में आते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लेना अनिवार्य है।
वर्ल्ड रेबीज डे 2024 के अवसर पर, इस खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक रहें और इसके प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
गौरतलब हो की, WHO ने रेबीज को 2030 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।